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India Daily

10-15 साल पुरानी है आपकी कार? नहीं मिलेगा पेट्रोल और डीजल, 27 लाख से अधिक गाड़ी मालिकों को लगेगा झटका

यह कदम 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को लक्षित करता है, जो एनसीआर की सड़कों से पुराने, प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है. आयोग ने दिल्ली के सभी ईंधन स्टेशनों पर 30 जून तक ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) कैमरे लगाने का आदेश दिया है.

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Edited By: Reepu Kumari
10-15 years old will not get a car, petrol and diesel.
Courtesy: Pinterest

अगर आपकी भी कार 10 से 15 साल पुरानी है तो आपको झटका लगने वाला है. अब आपको पेट्रोल पंप पर कच्चे तेल नहीं मिलेंगे. इस नियम को सख्ती से लागु करने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है. 1 जुलाई, 2025 से दिल्ली में यह नियम लागु होगा. सभी ईंधन स्टेशनों पर एंड-ऑफ-लाइफ (ईओएल) वाहनों में ईंधन भरने पर प्रतिबंध लागू हो जाएगा. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने निर्देश दिया है कि इस आदेश को लागू करने के लिए सभी दिल्ली ईंधन स्टेशनों पर 30 जून तक स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरे लगाए जाएं. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को रोकने के लिए एक निर्णायक कदम उठाते हुए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने निर्देश दिया है कि दिल्ली के ईंधन स्टेशन 1 जुलाई से जीवन-अंत की स्थिति वाले वाहनों में ईंधन भरना बंद कर देंगे.

यह कदम 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल वाहनों और 15 वर्ष से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों को लक्षित करता है, जो एनसीआर की सड़कों से पुराने, प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है.

कैमरे लगाने का आदेश

आयोग ने दिल्ली के सभी ईंधन स्टेशनों पर 30 जून तक ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) कैमरे लगाने का आदेश दिया है. ये सिस्टम स्वचालित रूप से उन वाहनों की पहचान करेंगे जो एंड-ऑफ-लाइफ (ईओएल) श्रेणी में आते हैं और उन्हें ईंधन तक पहुँच से वंचित कर देंगे. एएनपीआर कैमरों को वाहन डेटाबेस के साथ एकीकृत किया जाएगा, जिससे वाहन की आयु और प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) प्रमाणपत्रों की वैधता का वास्तविक समय पर सत्यापन संभव होगा. जिन वाहनों को ओवरएज या वैध दस्तावेजों की कमी के रूप में चिह्नित किया जाता है, उन्हें नए निर्देश के तहत ईंधन देने से मना कर दिया जाएगा.

एनसीआर में चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा

दिल्ली में इस योजना को सबसे पहले लागू किया जा रहा है, लेकिन राजधानी के आसपास के पांच हाई-ट्रैफिक जिले- गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और सोनीपत- इस साल 1 नवंबर से इसी तरह के उपायों को लागू करने वाले हैं. इन जिलों में एएनपीआर कैमरा लगाने का काम 31 अक्टूबर तक पूरा हो जाना चाहिए. एनसीआर के अन्य जिलों को आवश्यक सिस्टम लगाने के लिए 31 मार्च, 2026 तक का समय दिया गया है, जबकि ईंधन निषेध नियम 1 अप्रैल, 2026 से लागू होगा.

प्रवर्तन और दंड

सीएक्यूएम ने स्पष्ट किया है कि सख्त प्रवर्तन किया जाएगा. प्रतिबंधित वाहनों में ईंधन भरते पाए जाने वाले ईंधन स्टेशनों पर कार्रवाई की जाएगी, और ऐसे वाहनों को पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) नियमों के तहत जब्त और स्क्रैप किया जा सकता है. अधिकारियों को सड़क पर उल्लंघन करने वालों की पहचान करने और तत्काल कानूनी कार्रवाई करने के लिए यातायात निगरानी प्रणाली और एकीकृत कमांड कंट्रोल सेंटर का उपयोग करने का भी निर्देश दिया गया है.

दिल्ली में 27 लाख से अधिक वाहन होंगे प्रभावित

इस अभियान का दायरा बहुत बड़ा है. अकेले दिल्ली में ही 27.5 लाख से ज़्यादा वाहन प्रतिबंधित श्रेणी में आते हैं. आधिकारिक अनुमान के अनुसार, आस-पास के राज्यों में उत्तर प्रदेश में 61 लाख से ज़्यादा और हरियाणा में 22 लाख से ज़्यादा ऐसे वाहन हैं. कार्यान्वयन प्रक्रिया की निरंतर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित विभागों को आयोग को मासिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है.

प्रदूषण पर लंबे समय से विलंबित कार्रवाई

यह निर्देश पिछले दशक में सुप्रीम कोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के कई आदेशों के बावजूद एनसीआर की सड़कों से पुराने, प्रदूषणकारी वाहनों को हटाने में धीमी प्रगति की पृष्ठभूमि में आया है. दिल्ली सरकार ने पहले मार्च में इस कदम का संकेत देते हुए घोषणा की थी कि ईंधन पंप उन वाहनों की सर्विसिंग बंद कर देंगे जो आयु सीमा पार कर चुके हैं. शहर में लगभग 500 ईंधन रिफिलिंग स्टेशन हैं, जिनमें से सभी को अब इसका अनुपालन करना आवश्यक है.

दिल्ली के दीर्घकालिक वायु प्रदूषण से निपटना


यह कार्रवाई दिल्ली की व्यापक योजना का हिस्सा है, जिसके तहत लगातार वायु प्रदूषण से निपटने की योजना बनाई गई है, खास तौर पर वाहनों से होने वाले प्रदूषण से, जो शहर की सबसे गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक है. जैसे ही इसका क्रियान्वयन शुरू होगा, दिल्ली पुराने वाहनों के लिए ईंधन निषेध नीति लागू करने वाला पहला भारतीय शहर बन जाएगा, जो राजधानी में जहरीली हवा के खिलाफ लड़ाई में एक बड़ी उपलब्धि होगी.