Electric Car Battery Life: चाहे ICE कार हो या EV, किसी भी कार की कीमत काफी हद तक उसके पावर सोर्स की लाइफ पर निर्भर करती है. ICE कारें हमेशा से ही मौजूद रही हैं, इसलिए ज्यादातर लोग इन्हें जानते हैं कि इंटरनल कम्बशन इंजन कितने समय तक चलते हैं. वहीं, EV की बात करें तो इसमें ऐसा नहीं है. EV को लेकर लोगों के मन में काफी सवाल हैं कि आखिर इसकी बैटरी लाइफ कितनी होती है. सवाल तो कई हैं जैसे यह कितने समय तक चलेगा? इसकी लाइफ कैसे बढ़ाई जा सकती है? बैटरी को हेल्दी रखने के लिए किन चीजों से बचना चाहिए? आदि.
ऐसे में आज के इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि इलेक्ट्रिक कार की बैटरी लाइफ कितनी होती है और इसकी बैटरी लाइफ को कौन-कौन से कारक प्रभावित करते हैं. यहां आपको इससे संबंधित सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे.
अब तक जिस तरह से इलेक्ट्रिक कारों का लेवल बढ़ा है उसके हिसाब से से आज EV बैटरी की लाइफ 10 से 20 साल है. इस समय के बाद बैटरी को बदलने की जरूरत पड़ती है. हालांकि, ज्यादातर EV कंपनियां अपनी इलेक्ट्रिक कार बैटरी पर 8 साल या 1,60,000 किलोमीटर की वारंटी देते हैं. अब जानते हैं कि इन्हें क्या-क्या कारक प्रभावित करते हैं.
इलेक्ट्रिक कार की बैटरी को प्रभावित करने वाले सभी कारकों में से टैम्प्रेचर सबसे अहम है. ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादातर मामलों में इसे कंट्रोल कर पाना मुश्किल हो जाता है. इस टैम्प्रेचर में गर्मी ज्यादा उत्पन्न होती है. इलेक्ट्रिक कारों की बैटरियों की टैम्प्रेचर लिमिट आमतौर पर 15 से 30 डिग्री सेल्सियस होती है और इसके लिए सबसे सही टैम्प्रेचर 21.5 डिग्री होता है. अगर इलेक्ट्रिक कार की बैटरी इस टैम्प्रेचर लिमिट से बाहर जाती है तो इससे कार की परफॉर्मेंस और बैटरी लाइफ दोनों ही प्रभावित हो जाती है.
EV का इस्तेमाल कैसे किया जाता है और इसकी बैटरी पर क्या प्रभाव पड़ता है, ये जानना भी जरूरी है. EV खरीदते समय इसका सही तरीके से इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है. कई बार अनजाने में गलतियां हो जाती हैं. ऐसी कई आदतें हैं जो EV बैटरी की हेल्थ को खराब कर सकती है.
बैटरी को बार-बार चार्ज करने से इसकी लाइफ कम हो सकती है.
बैटरी को बार-बार कम चार्ज पर रखना बैटरी को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा सकता है.
ICE कारों की तरह, EV को लंबे समय तक खड़ी छोड़ने से इसकी चार्जिंग क्षमता कम हो सकती है.
EV कार की बैटरी में ज्यादा टैम्प्रेचर इसकी बैटरी को नुकसान पहुंचा सकता है.
फास्ट चार्जिंग या DC फास्ट चार्जिंग से काफी गर्मी पैदा होती है जो बहुत बार चार्ज करने पर EV बैटरी सेल को परमानेंट डैमेज कर सकती है.
EV आम तौर पर ICE कारों से भारी होते हैं और इसका मेन कारण बैटरी पैक है. अब, बहुत ज्यादा वजन को ले जाने के लिए बहुत ज्यादा एन्रजी की जरूरत पड़ती है. इससे बैटरी बहुत ज्यादा खर्च होती है. यही कारण है कि EV में एक वजन सीमा के लिए कहा जा रहा है. क्योंकि अगर वजन ज्यादा ही रहा तो इसकी रेंज, स्पीड और लाइफ कम हो सकती है.
10% से कम चार्ज वाली बैटरी का इस्तेमाल न करें. अगर कार की बैटरी 80 से 90% है तो बार-बार बैटरी को चार्ज न करें.
कार को चार्ज करते समय, ड्राइविंग करते समय या पार्किंग करते समय, इलेक्ट्रिक कार को ज्यादा हाई या निम्न टैम्प्रेचर के कॉन्टेक्ट में न लाएं.
DC-फास्ट चार्जिंग स्टेशनों का इस्तेमाल कर EV को कम से कम चार्ज करें.