50 साल से ज्यादा पुरानी क्लासिक कारों को आसानी से कर पाएंगे विदेशों से आयात, नियम में हुआ बड़ा बदलाव
भारत में कारों के आयात के मामले में कानून काफी सख्त हैं. नई कारों के लिए हमारे पास लगभग 100% आयात कर है और पुरानी कारों का आयात अब तक बिल्कुल भी कानूनी नहीं था. भारतीय अब 50 साल पुरानी कारों का आयात कर सकते हैं जो वर्ष 1975 से पहले बनी और पंजीकृत हैं. भारत सरकार के विदेश व्यापार महानिदेशक श्री विवेक गोयनका ने आयात नीति में संशोधन करके 50 वर्ष से अधिक पुरानी कारों के वास्तविक उपयोगकर्ताओं को पहली बिक्री के बाद पहले पंजीकरण की तिथि से वाहनों के मुफ़्त आयात की अनुमति दे दी है. अच्छी बात यह है कि यह मुफ़्त आयात है, इसलिए आपको आयात लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है.
भारत में कारों के आयात के लिए कानून पहले काफी सख्त थे, लेकिन हाल ही में एक महत्वपूर्ण बदलाव हुआ है. अब भारतीय लोग 50 साल पुरानी कारों का आयात कर सकते हैं, जो 1975 से पहले विदेशों में निर्मित और पंजीकृत थीं.
सरकार ने यह नियम संशोधित किया है, जिससे 50 साल पुरानी कारों के असल उपयोगकर्ताओं को पहले पंजीकरण की तारीख से इन कारों के मुफ्त आयात की अनुमति मिल गई है. और सबसे अच्छा हिस्सा यह है कि अब आपको आयात लाइसेंस की भी आवश्यकता नहीं होगी.
क्यो लिया गया फैसला?
यह बदलाव भारतीय बाजार में क्लासिक कारों के प्रति बढ़ती रुचि को ध्यान में रखते हुए किया गया है. पहले, भारतीय बाजार में नए कारों के आयात पर भारी कर लगता था, जो लगभग 100% तक हो सकता था, और पुरानी कारों का आयात अवैध था. अब, इस नई नीति के तहत, 1975 से पहले बनी कारों का आयात किया जा सकता है, और यह नीति हर साल की आधार पर लागू रहेगी.
बेहतरीन अवसर
हालांकि, यह आयात केवल वास्तविक उपयोगकर्ताओं के लिए होगा, और इन कारों का किसी भी प्रकार से व्यावसायिक रूप से व्यापार नहीं किया जा सकेगा. यदि डीलर कोई कार आयात करते हैं, तो उन पर सख्त शर्तें लगाई जाएंगी, जैसे आयात की तारीख से अगले 5 वर्षों तक इन कारों की बिक्री नहीं की जा सकेगी. यह नियम क्लासिक कार उत्साही लोगों के लिए एक बेहतरीन अवसर है, खासकर उन लोगों के लिए जो पुराने और दुर्लभ मॉडलों को अपने संग्रह में जोड़ना चाहते हैं.
15 साल पुरानी कारों का आयात संभव
यह बदलाव अन्य देशों की आयात नीतियों से मेल खाता है, जैसे कि कनाडा में 15 साल पुरानी कारों का आयात संभव है और अमेरिका में यह सीमा 25 साल है. भारत में यह 50 साल की सीमा एक तरह से उन क्लासिक कारों को पुनः लाने का एक सुनहरा अवसर बनाती है, जो अब तक हमारे बाजार में नहीं देखी गईं.
इस नीति से भारतीय बाजार में पोर्श, बीएमडब्ल्यू, मर्सिडीज बेंज और मसल कारों जैसी कारों का प्रवेश संभव होगा, जो भारत के ऑटोमोबाइल उद्योग में एक नया रोमांच लाएगा. इस प्रकार, यह नया कदम भारतीय कार संस्कृति को आगे बढ़ाने और क्लासिक कारों के शौक को बढ़ावा देने में मदद करेगा.
यह बदलाव भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में एक नई दिशा का संकेत है और इससे भविष्य में और भी रोमांचक बदलाव देखने को मिल सकते हैं.