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खूबसूरती नहीं, इस दोष के कारण मुकुट पर मोरपंख लगाते थे भगवाान श्रीकृष्ण, जानिए क्या थी वजह?

ShriKrishna Story: भगवान श्रीकृष्ण अपने मुकुट में मोरपंख को धारण करते हैं. इसका कारण मुकुट की खूबसूरती को बढ़ाना नहीं बल्कि एक दोष है. उस दोष के चलते भगवान श्रीकृष्ण अपने मुकुट पर मोरपंख पहनते थे. 

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Edited By: India Daily Live
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Courtesy: pexels

ShriKrishna Story: हिंदू धर्म में भगवान श्रीकृष्ण के श्रीहरि विष्णु का ही अवतार माना जाता है. भगवान विष्णु अपने मुकुट में मोर का पंख धारण नहीं करते हैं पर श्रीकृष्ण मोर का पंख अपने मुकुट में धारण करते हैं. इससे उनकी मनमोहकता दोगुनी हो जाती है. भगवान श्रीकृष्ण के मुकुट में मोरपंख होने के पीछे 3 वजहें हैं, जिनके कारण वे मोर मुकुट पहनते हैं. 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उनकी कुंडली में एक दोष था, जिससे अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए वे मोरपंख धारण करते थे. वहीं, कहीं पर यह भी जिक्र है के राधा के प्रेम के प्रतीक के तौर पर वे मोरपंख को अपने मस्तक पर धारण करते थे. 

भगवान श्रीकृष्ण की कुंडली में था ये अशुभ योग

पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था. उस दौरान रोहिणी नक्षत्र था. माना जाता है कि उनकी कुंडली में कालसर्प दोष था. इसके अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए वे अपने मुकुट पर मोर का पंख धारण करते थे. 

मोर और सांप आपस में शत्रु हैं. ऐसे में मान्यता है कि मोर का पंख धारण करने से कालसर्प दोष दूर हो जाता है. इस कारण ही भगवान श्रीकृष्ण अपने सिर पर मोरपंख धारण करते थे. 

राधा रानी के साथ प्रेम भी है कारण 

एक और पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण की प्रेमिका राधारानी के कारण भी वे मोरपंख मुकुट में लगाते थे. कथा के अनुसार एक बार जब भगवान श्रीकृष्ण बांसुरी बजा रहे थे तब राधारानी उसकी धुन पर नृत्य कर रही थीं. इसकी समय उनकी बांसुरी की धुन पर मोर भी नाचने लगे. नाचते समय एक मोर का पंख नीचे गिर गया.इस पंख को उठाकर राधारानी ने भगवान श्रीकृष्ण के मुकुट में लगा दिया. उस दिन भगवान श्रीकृष्ण राधारानी के प्रेम की निशानी के तौर पर मोरपंख को अपने मुकुट में सजाने लगे. 

यह संदेश भी है वजह

मुकुट में मोरपंख लगाने की तीसरी वजह एक संदेश भी है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान बलराम शेषनाग के अवतार थे. मोर और नाग एक दूसरे के दुश्मन हैं. ऐसे में मोर का पंख लगाकर भगवान श्रीकृष्ण शत्रु को भी विशेष स्थान देने का संदेश देते हैं. इसके साथ ही मोर पंख के रंग जिंदगी के सुख और दुख जैसे कई रंगों को भी दर्शाते हैं. इस कारण इससे यह भी संदेश मिलता है कि जीवन में हर रंग होना जरूरी है. 

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.