नई दिल्ली. ब्रह्माण्ड में अनेकों ग्रह हैं. उनमें से एक पृथ्वी भी है. धरती पर जीवन हैं. हम मनुष्यों का घर यही ग्रह है. इस धरा ने कितनों का भार संभाल रखा है. यहां अनेकों धर्म, अनेकों जातियों के लोग रहते है. भले ही धर्म से सब अलग हों लेकिन पहचान से इंसान ही कहलाते हैं. इंसान की सोचने की क्षमता अन्या प्राणियों से कहीं अधिक है. सोचते-सोचते कभी ना कभी आपके दिमाग में ये खयाल तो जरूर आया होगा कि इस धरती पर सबसे पहले किसने जन्म लिया था? कौन था धरती का सबसे पहला मानव? वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इस सवाल का जवाब कुछ और है तो धार्मिक दृष्टि से इसका जवाब कुछ और है. लेकिन हम धार्मिक दृष्टिकोण की बात करें. और इसी को ध्यान में रखते हुए बताएंगे कि दुनिया का पहला मानव कौन था.
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हम दो धर्म ग्रंथों का जिक्र करेंगे पहली बाइबिल. इसके अनुसार दुनिया के पहले मानव का दर्जा किसे प्राप्त है. दूसरी हिंदू धर्म के पुराण का जिक्र करेंगे. चलिए पहले बाइबिल की बात करते हैं
आदम और हव्वा
बाइबिल के अनुसार ईश्ववर ने इस संसार की रचना मात्र 7 दिनों में की है. उसने इस अवधि में सब बना दिया जन्नत, से लेकर पेड़-पौधे और मौसम जो आप सोच सकते हैं. उसका निर्माण 7 दिनों में हुआ है. इस ग्रंथ के अनुसार ईश्वर ने जिसे दुनिया का सबसे पहला मानव बनाया उसका नाम आदम था. आदम अकेले न रहे इसके लिए ऊपर वाले ने एक औरत बनाई. औरत का नाम था हव्वा (ईव). तो ये थी बाइबिल के अनुसार दुनिया के पहले पुरुष और स्त्री के उत्पन्न होने की कहानी.
मनु और अनंती
अगर हम हिंदू धर्म के अनुसार दुनिया के पहले मनुष्य की बात करें तो वह बाइबिल में बताए गए नाम से अलग है. बताया जाता है कि भगवान ब्रह्मा ने इस सृष्टि की रचना की है. हिंदू धर्म के अनुसार दुनिया के सबसे पहले मनुष्या मनु थे. महाभारत में 8 मनुओं का उल्लेख किया गया है. मनु ने कड़ी तपस्या की जिसके चलते बाद में शतरूपा उनके पत्नी के रूप में आईं. इन दोनों के पुत्र हुएं फिर संसार आगे बढ़ता गया. इसका उल्लेख अग्नि और आदि पुराण में मिलता है.
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