menu-icon
India Daily

माता पार्वती के श्राप के कारण यह अप्सरा बन गई थी मंदोदरी, जानिए रावण की पत्नी की अनकही दास्तान? 

Ramayana Facts: लंका के राजा रावण की पत्नी मंदोदरी थी. मंदोदरी, दिति के पुत्र मायासुर और उनकी पत्नी अप्सरा हेमा की पुत्री थीं. मंदोदरी के जन्म के बारे में एक कथा काफी प्रचलित हैं, जिसके अनुसार माता पार्वती ने उनको श्राप दे दिया था. इसके चलते वे एक मेंढ़क बन गई थीं. इसके बाद उन्होंने मंदोदरी रूप में जन्म लिया था. 

auth-image
Edited By: India Daily Live
mandodari
Courtesy: social media

Ramayana Facts: रावण की पत्नी मंदोदरी काफी रूपवान और गुणवान थी. पौराणिक कथाओं के अनुसार वे एक अप्सरा थीं. वहीं, उनका जन्म मंदोदरी के रूप में दिति के पुत्र मायासुर और उनकी पत्नी हेमा के यहां पर हुआ था. पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार मधुरा नामक अप्सरा कैलाश पर्वत पर गई थी. यहां उन्होंने देवी पार्वती को न पाकर भगवान शिव को आकर्षित करने का प्रयास किया. जब माता पार्वती वहां लौटीं तो उन्होंने भगवान शिव की भस्म को मधुरा के शरीर पर देखा. इससे वे क्रोधित हो गईं और मधुरा को मेंढ़क बनने का श्राप दे दिया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे 12 वर्ष तक उसी जगह पर स्थित एक कुएं में रहेगी. 

इस पर भगवान शिव ने माता पार्वती से अप्सरा पर दया करने के लिए कहा तो माता पार्वती ने कहा कि मधुरा कठोर तप के बाद ही अपने असल रूप में वापस आ पाएगी. इस पर मधुरा ने मेंढ़क के रूप में 12 वर्ष तक कुएं में रहकर तप किया. 

12 वर्ष बाद मिला असली स्वरूप

जब 12 वर्ष पूर्ण होने वाले थे तो उस कुएं के पास मायासुर और उनकी पत्नी हेमा संतान की कामना से आए और तप करने लगे. वहीं, जैसे ही 12 वर्ष पूर्ण हुए वैसे ही मधुरा अपने वास्तविक स्वरूप में आ गईं और कुएं से बाहर निकलने की कोशिश करने लगीं. इस पर वहां तप में लीन मायासुर और हेमा दोनों ने मधुरा को कुएं से निकाल लिया. इसके बाद में उन दोनों ने मधुरा को गोद ले लिया और उसका नाम मंदोदरी रख दिया. 

ऐसे रावण को मिली मंदोदरी

मंदोदरी ने बेहद तप करके भगवान शिव से वरदान मांगा था कि उनका पति धरती पर सबसे विद्वान और शक्तिशाली हो. मान्यता है कि मंदोदरी ने बिल्वेश्वर नाथ मंदिर में भगवान शिव की आराधना की थी. यह मंदिर आज भी उत्तर प्रदेश के मेरठ के सदर इलाके में है. माना जाता है कि यहीं पर रावण की पहली मुलाकात मंदोदरी से हुई थी. रावण की कई पत्नियां थीं पर लंका की महारानी मंदोदरी को ही माना जाता है. 

कर्तव्यपरायण और निष्ठावान थीं मंदोदरी

माना जाता है कि मंदोदरी बेहद ही कर्तव्यपारायण और निष्ठावान स्त्री थी. वे कई बार रावण को विनाश के मार्ग पर जाने के लिए रोकती थीं. 

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.