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पत्नी, प्रेमिका या मामी, जानिए क्या था कान्हा का राधा से संबंध?

Epic Story: भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी को एक ही माना जाता है. कई संतों का मानना है कि राधा रानी भगवान श्रीकृष्ण की प्रेमिका थीं.  वहीं, कुछ जगहों पर भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी के विवाह का भी वर्णन है. इसके साथ ही कई और धार्मिक ग्रंथों में अलग-अलग कथा का वर्णन है. आइए जानते हैं कि श्रीकृष्ण और राधा के बीच क्या संबंध था. 

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Mohit Tiwari
radha
Courtesy: pexels

Epic Story:  भगवान श्रीकृष्ण और राधा को एक ही तत्व माना गया है. जानकारों का मानना है कि भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी के बीच में आत्मीय संबंध था. जब भगवान नारायण द्वापर युग में पृथ्वी पर मानव रूप में आए तो माता लक्ष्मी भी राधा स्वरूप में पृथ्वी पर आईं. वहीं, अधिकतर लोगों को कहना है कि रुकमिणी माता लक्ष्मी का स्वरूप थीं. कुछ धार्मिक ग्रंथों में राधारानी और भगवान श्रीकृष्ण के प्रेम प्रसंग का वृतांत काफी विस्तृत रूप में किया गया है. 

भगवान श्रीकृष्ण मथुरा से जाने लगे तो उन्होंने राधारानी को वचन दिया था कि वे वापस लौटकर आएंगे, लेकिन वे इसके बाद भी वापस नहीं आए. राधा रानी कान्हा के वियोग में ही रहीं. मान्यता है कि राधा राानी का भी विवाह किसी और से हो गया था. इस रिश्ते से राधा, भगवान श्रीकृष्ण की मामी बन गई थीं. राधा रानी की शादी रायाण से हुई थी. रायाण देवी यशोदा के भाई थे और भगवान श्रीकृष्ण के मामा थे. इसके अनुसार राधारानी भगवान श्रीकृष्ण की मामी हुईं. 

ऐसे मिले थे राधा से कृष्ण 

ब्रह्मवैवर्त पुराण प्रकृति खंड अध्याय 48 के अनुसार और यदुवंशियों के कुलगुरु गर्ग ऋषि द्वारा लिखित गर्ग संहिता की एक कथा के अनुसार भगवान श्रीकष्ण और राधा का विवाह बचपन में ही हो गया था. इस बारे में कथा है कि एक बार नंदबाबा भगवान श्रीकृष्ण को बाजार घूमाने लेकर गए थे. उसी समय उन्होंने एक सुंदर अलौकिक कन्या को देखा, वह कन्या राधारानी थीं. भगवान श्रीकृष्ण ने इस जगह पर राधारानी को पहली बार देखा था. दोनों एक दूसरे को देखकर मंत्रमुग्ध हो गए. 

तीर्थ कहा गया यह स्थान 

जहां पर भगवान श्रीकृष्ण-राधारानी से मिले थे. उस जगह को तीर्थ कहा गया. यह स्थान नंदगांव और बरसाने के बीच में स्थित है. आज भी इस स्थान पर एक मंदिर है. इसे संकेत स्थान कहा गया है. मान्यता है कि पिछले जन्म में ही दोनों ने तय कर लिया था कि हमको इस स्थान पर दोबारा मिलना होगा. आज के समय पर भी राधाअष्टमी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक यहां पर मेला लगता है. 

राधा-कृष्ण का हुआ था गंधर्व विवाह

गर्ग संहिता के अनुसार राधा और कृष्ण का गंधर्व विवाह हुआ था और यह विवाह स्वयं ब्रह्मा ने कराया था. कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के पिता उन्हें अक्सर भंडिर गांव ले जाया करते थे. यहीं पर उनकी राधा से मुलाकात होती थी. एक बार जब वे अपने पिता के साथ भंडिर गांव में गए थे तो अचानक से एक तेज रोशनी चमकी थी. इसके बाद मौसम बिगड़ने लगा और कुछ समय के बाद अंधेरा छा गया. इस दौरान भगवान ब्रह्मा प्रकट हुए और उन्होंने विशाखा और ललिता की उपस्थिति में राधा और श्रीकृष्ण का गंधर्व विवाह करा दिया. विवाह के बाद माहौल सामान्य हो गया था और राधा, ब्रह्मा, विशाखा और ललिता अंतर्ध्यान हो गए थे. 

मंदिर है इस बात का गवाह

भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा से करीब 30 किलोमीटर दूर मांट तहसील में स्थित भांडरीवन में एक अनोखा मंदिर है. इस मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी की मूर्ति है. खास बात यह है कि इस मूर्ति में भगवान श्रीकृष्ण के हाथों में बांसुरी नहीं है. इसमें कृष्ण और राधा दुल्हा व दुल्हन के वेश में हैं और ब्रह्माजी उनको आशीर्वाद दे रहे हैं. 

प्रेमिका भी मानी जाती हैं राधारानी 

कुछ विद्वान राधा रानी को श्रीकृष्ण की प्रेमिका मानते हैं. जब भगवान श्रीकृष्ण मथुरा जा रहे थे तब वे राधारानी को छोड़कर गए थे. इसके बाद वे कभी वापस नहीं लौटे. वहीं, कुछ का मानना है कि राधा ही रूकमिणी थीं और राधा नाम का कोई भी नहीं था. 

भगवान श्रीकृष्ण के मामा से हुई थी शादी

ब्रह्मवैवर्त पुराण के प्रकृति खंड अध्याय 49 के श्लोक 35,36,37,30 और 47 के अनुसार राधा रानी भगवान श्रीकृष्ण की मामी थीं. राधारानी का विवाह भगवान श्रीकृष्ण की माता यशोदा के भाई रायाण के साथ हुआ था. 

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.