हर कोई नहीं कर सकता है बजरंगबाण, पाठ करने से पहले रखें इस बात का ध्यान

Bajrangbaan Rules: भगवान हनुमान के भक्त उनको प्रसन्न करने के लिए बजरंगबाण का पाठ करने लगते हैं. बजरंगबाण का पाठ करने के लिए कुछ नियम बताए गए हैं. यह पाठ बेहद ही शक्तिशाली है और हर कोई इसका पाठ नहीं कर सकता है. यह पाठ व्यक्ति को हर संकट से बचाने में सक्षम है, लेकिन सभी को इसका पाठ नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं कि बजरंगबाण का पाठ किस व्यक्ति को करना चाहिए और किसको नहीं करना चाहिए. 

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Bajrangbaan Rules: महाकवि गोस्वामी तुलसीदास भगवान श्रीराम और हनुमान जी के अनन्य भक्त थे. उन्होंने रामचरितमानस जैसे ग्रंथ की रचना की है. मान्यता है कि तुलसीदास भगवान हनुमान की कृपा के कारण इस रामचरितमानस जैसे ग्रंथ  की रचना कर पाए. इस ग्रंथ के अलावा भी उन्होंने हनुमान चालीसा और हनुमान बाहुक और बजरंग बाण आदि की रचना की है. हनुमान चालीसा, हनुमानाष्टक और हनुमान बाहुक, बजरंगबाण का पाठ करने के लिए अलग-अलग कारण बताए गए हैं. जैसे भगवान हनुमान की कृपा पाने के लिए आप पूर्ण शुद्धता से हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं, लेकिन बजरंगबाण आदि का पाठ आपको किसी खास वजह के बिना नहीं करना चाहिए. 

जब तुलसीदास गंभीर बीमारी से ग्रसित थे, तब उन्होंने हनुमान बाहुक को लिखा था. इस कारण इसका पाठ करने से रोगमु्क्ति होती है. वहीं, बजरंगबाण को उन्होंने अज्ञात शत्रु और तंत्र प्रयोग से रक्षा के लिए किया था. मान्यता है कि काशी के एक तांत्रिक ने गोस्वामी तुलसीदास पर मारण मंत्र का प्रयोग किया था. इस कारण उनके पूरे शरीर पर फोड़े हो गए थे. इस गंभीर समस्या से छुटकारा पाने के लिए उन्होंने बजरंगबाण की रचना की. बजरंगबाण के पाठ मात्र से तुलसीदास की समस्या का अंत हो गया. इस कारण गंभीर समस्या पर ही बजरंग बाण का पाठ किया जाता है. 

क्यों नहीं करना चाहिए सभी को बजरंगबाण?

विद्वानों का मानना है कि भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान को बजरंगबाण में उनके प्रभु की सौगंध दी जाती है. भगवान हनुमान के लिए प्रभु श्रीराम से बढ़कर कुछ भी नहीं है. इस कारण जब भी कोई व्यक्ति बजरंगबाण का पाठ करता है तो उसको संकट से बचाने के लिए तुरंत भगवान हनुमान आते है, लेकिन ऐसा भौतिक सुख-सुविधाओं के लिए या अकारण नहीं करना चाहिए. इस कारण बिना गंभीर संकट के बजरंगबाण का पाठ नहीं करना चाहिए. 

इन लोगों को करना चाहिए पाठ 

बजरंगबाण का पाठ सिर्फ उनको ही करना चाहिए जिनके सामने कोई ऐसा संकट आ जाए कि उसका हल न निकल पा रहा हो. इसके अलावा प्राणों पर संकट आने पर भी इसका पाठ फलदायी है. आग से घिर जाने, पानी में डूबने,  किसी भारी संकट, नौकरी जाने की संभावना आदि संकटों में बजरंगबाण किया जा सकता है, लेकिन धन, ऐश्वर्य या किसी भौतिक वस्तु की कामना के लिए इसका उपयोग नहीं करना चाहिए. 

अगर कोई व्यक्ति अज्ञात या ज्ञात शत्रुओं से परेशान हैं. बिना किसी गलत काम के भी शत्रु उसका नुकसान कर रहे हैं तो ऐसे व्यक्ति को बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए. भगवान हनुमान स्वयं शत्रुओं को दंड देते हैं. 

रखनी चाहिए ये सावधानी 

अगर आप किसी संकट से पार पाने या शत्रुओं से मु्क्ति के लिए इसका पाठ कर रहें हैं तो आपको खास सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है. इसके लिए स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें. इसका पाठ संकल्प लेकर करें. पाठ करने के दिनों में शराब, मांसाहार और गलत कार्यों से दूर रहें. मंगलवार या शनिवार से ही पाठ करने का संकल्प लें. इसके साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करें. 

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.