Chaitra Navratri 2024 Day 2: चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन बुधवार 10 अप्रैल को है. इस दिन चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि हैं. इस दिन विष्कम्भ और प्रीति योग का शुभ संयोग है और भरणी नक्षत्र रहने वाला है.
मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान, तपस्या और वैराग्य की देवी माना जाता है. माता पार्वती का अविवाहित स्वरूप ही मां ब्रह्मचारिणी हैं. वे सफेद वस्त्र धारण करती हैं. माता के दाहिने हाथ में एक रुद्राक्ष की माला होती है. वे अपने बाएं हाथ में कमंडल धारण किए हुए हैं. जब माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए तपस्या की थी तो माता ने ब्रह्माचर्य का पालन किया था. माता के इस स्वरूप को ही ब्रह्मचारिणी स्वरूप कहा गया.
भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए माता ब्रह्मचारिणी ने कठोर तपस्या की थी. इसी वजह से उनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा. नवरात्रि के दूसरे दिन माता के देवी स्वरूप का पूजन किया जाता है. माता की साधना से जीवन की सभी समस्याओं का अंत हो जाता है. माता का पूजन विद्यार्थियों के लिए काफी लाभदायक माना जाता है.
नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी का पूजन करने के लिए नहाकर पीले या फिर सफेद रंग के वस्त्र धारण करें. इसके साथ ही माता को सफेद रंग की वस्तुएं अर्पित करें. माता को मिश्री, शक्कर, पंचामृत का भोग लगाना चाहिए. पूजा के समय आप ॐ ऐं नमः मंत्र का जाप करें.
माता ब्रह्मचारिणी ने जब भगवान शिव को पाने के लिए ब्रह्मचर्य धारण करके घोर तपस्या की थी तो भीषण गर्मी, कड़कड़ाती ठंड और बारिश भी माता के संकल्प को तोड़ नहीं पाई थी. वे इस दौरान फल, फूल और बिल्व पत्र की पत्तियां खाकर जीवित रही थीं.
इसके बाद भी भगवान शिव ने नहीं मानें तो उन्होनें पत्तों को भी खाना छोड़ दिया था. इस कारण उनका नाम अर्पणा पड़ा था. उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान ब्रह्मा ने उनको वरदान दिया था कि आप जैसा कठोर तप आज तक किसी ने भी नही किया है. आपकी मनोकामना निश्चित ही पूरी होगी.
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