Kalki Dham : उत्तर प्रदेश के संभल जिले में बीते सोमवार को श्री कल्कि धाम निर्माण ट्रस्ट की ओर से मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य रूप से मौजूद रहे. इस मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम हैं. इस कार्यक्रम में देशभर से 11000 से अधिक साधु-संत पहुंचे थे.
आज के सालों साल पहले श्रीमद्भागवत महापुराण के 12वें स्कंद में ‘संबल ग्राम मुख्यस्य ब्राह्मणस्य महात्मनः भवने विष्णु यशसः कल्किः प्रादुर्भविष्यति’ ये श्लोक लिखा गया था. इसका अर्थ है कि संभल नगरी में विष्णुयश नामक श्रेष्ठ ब्राह्मण के घर पर भगवान कल्कि पुत्र रूप में जन्म लेंगे. इसके साथ ही वे देवदत्त नामक घोड़े पर सवार होकर अपनी तलवार से दुष्टों व पापियों का संहार करेंगे. उस दिन से सतयुग का प्रारंभ होगा.
इस मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बताया है कि पुराणों में लिखा है कि भगवान कल्कि श्रीहरि विष्णु के 10वें अवतार होंगे. भगवान कल्कि की अवतरण गाथा कई हजारों साल पहले धार्मिक ग्रंथों में आ चुकी है.
भगवान कल्कि जन्म से ही 64 कलाओं से युक्त होंगे. उनके जन्म के समय सभी ग्रह उच्च अवस्था में मूल त्रिकोण में उपस्थित होंगे. वहीं, वैष्णव ब्रह्मांड विज्ञान के अनुसार अंतहीन चक्र वाले चारों कालों में से अंतिम, मतलब कलयुग के अंत में भगवान विष्णु का दसवां अवतार होगा और वे पापियों का संहार करेंगे.
भगवान कल्कि कलयुग व सतयुग के संधिकाल में जन्म लेंगे. श्रीमद्भागवत और भविष्य पुराण में कलयुग के अंत का वर्णन मिलता है, जिसमें साफ लिखा है कि कल्कि भगवान कलयुग को समाप्त कर सतयुग की स्थापना करेंगे.
यूपी के संभल में बन रहा कल्कि धाम मंदिर दुनिया का सबसे अनोखा मंदिर होगा. यह मंदिर जिस देवता के लिए बन रहा है, उनका अभी जन्म नहीं हुआ है. कल्कि धाम मंदिर में भगवान विष्णु के 10 अवतारों के लिए अलग-अलग 10 गर्भगृह होंगे. मंदिर में 68 तीर्थों की स्थापना की जाएगी. 5 एकड़ में बन रहे इस मंदिर को बनने में 5 साल का ही समय लग सकता है.
कल्कि धाम के निर्माण में अयोध्या मंदिर की तरह ही राजस्थान के गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा. इस मंदिर में स्टील और लोहे का उपयोग नहीं किया जाएगा. मंदिर 11 फीट ऊंचे चबूतरे पर स्थित होगा. इसके शिखर की ऊंचाई 108 फीट तक होगी.