Vaastu Dosha: शरीर में होने वाले रोगों की वजह भी ज्योतिष में ग्रहों की दशा या किसी अशुभ योग का परिणाम होती हैं. वहीं, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि वास्तुदोष कई सारी बीमारियों की जड़ बनता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, वास्तुदोष आपको मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार कर सकता है. आजकल कई गंभीर बीमारियों के बारे में सुनने के लिए मिलता है.
पुराने जमाने में जब कोई मकान बनाया जाता था तो भूमि पूजन से लेकर मकान बनाने तक हर चीज में ज्योतिष से लेकर वास्तु का ख्याल रखा जाता था. आजकल लोग फ्लैट्स में रहते हैं. इन फ्लैट्स को जगह और मॉर्डन तरीके से बनाया जाने लगा है. इस कारण यहां पर वास्तु आदि चीजों का ध्यान कम रखा जाता है. ऐसे में वास्तुदोष बनता है और यह वास्तुदोष वहां रहने वाले लोगों को बीमार तक कर सकता है. कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी वास्तुदोष के कारण हो सकती है. आइए जानते हैं कि कैंसर किस वास्तुदोष के कारण होता है.
जिन घरों में कैंसर का मरीज होता है, उनके यहां यह दो वास्तु दोष कॉमन होते हैं. इनमें घर का ईशान कोण अगर गोल होता है या फिर कटा हुआ अथवा दबा होता है तो तो भी वास्तु दोष बनता है. ईशान कोण का बढ़ा हुआ होना या अन्य दिशाओं की तुलना ऊंचा होना भी कैंसर का कारण बनता है. दूसरे वास्तु दोष की बात करें तो यह घर के दक्षिण-पश्चिम दिशा या आग्नेय, वायव्य और नैऋत्य कोण में होता है.
वायव्य, उत्तर, ईशान व पूर्व दिशा का ऊंचा होना और आग्नेय,दक्षिण, नैऋत्य व पश्चिम में का ज्यादा नीचा होना या काफी बढ़ा हुआ होना अथवा भूमिगत जल का स्रोत होना दोष उत्पन्न करता है.
नैऋत्य में भूमिगत पानी को स्रोत या फिर इसका बहुत नीचा और बढ़ा हुआ होना. इसके साथ ही अन्य दिशाओं का ईशान कोण की तुलना में ज्यादा नीचे होना ब्लड कैंसर का कारण बनता है.
अन्य दिशाओं की तुलना ईशान कोण का ऊंचा होना और पूर्व आग्नेय में भूमिगत पानी का स्रोत जैसे टंकी, बोर या फिर कुंआ का होना भी ब्रेस्ट कैंसर पैदा करता है.
दक्षिण या दक्षिण नैऋत्य में भूमिगत पानी का स्रोत या फिर इसका किसी भी प्रकार से नीचा होना या फिर बढ़ा हुआ होना भी यूट्रस कैंसर का कारण बनता है.
पश्चिम दिशा या पश्चिम नैऋत्य कोण में भूमिगत जल का स्रोत होना और इसका ईशान कोण की तुलना नीचा होना पेट के कैंसर को बढ़ाता है.
पश्चिम नैऋत्य कोण में भूमिगत पानी या इसका ज्यादा नीचा अथवा बढ़ा हुआ होना आंत के कैंसर का कारण बनता है.
पश्चिम और नैऋत्य कोण में पानी का स्रोत होना या फिर इसका किसी भी प्रकार से बढ़ा हुआ होना किडनी के कैंसर को बढ़ावा देता है.
उत्तर व उत्तर वायव्य का बंद होना पश्चिम नैऋत्य में भूमिगत पानी का स्रोत होने से भी फेफड़ों का कैंसर हो सकता है.
ईशान कोण का ऊंचा या बढ़ा हुआ होना व पश्चिम दिशा का ज्यादा नीचे होना इन कैंसर का कारण बनता है.
अगर आपके घर में कोई कैंसर का मरीज है तो उसका इलाज कराएं और किसी वास्तु एक्सपर्ट्स से सलाह लेकर इन दोषों को दूर करने के उपाय करें.
Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.