menu-icon
India Daily

कैंसर का कारण बनता है यह वास्तु दोष, कहीं आपके घर पर भी तो नहीं है यह गड़बड़ी?

Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार व्यक्ति की बीमारियों का कारण वास्तुदोष भी होता है. वास्तुदोष के कारण कैंसर जैसी भी बीमारियां हो सकती हैं. वर्तमान में बन रहे घरों की बनावट आयताकार न होकर अनियमित आकार की होती है. इस कारण घर में कई प्रकार के वास्तुदोष उत्पन्न हो जाते हैं. इससे वहां रहने वाले व्यक्तियों के शरीर में कई प्रकार की बीमारियां लग जाती हैं. 

auth-image
Edited By: India Daily Live
cancer
Courtesy: freepik

Vastu Tips: वास्तु शास्त्र के अनुसार बीमारियों की वजह वास्तुदोष भी हो सकता है. जिस घर में दो या दो से अधिक वास्तु दोष होते हैं. उस घर में बीमारियों का होना स्वाभाविक होता है. वर्तमान में घरों की बनावट आयताकार न होकर अनियमित होती है. इस कारण इसमें कोई न कोई वास्तुदोष अवश्य ही बन जाता है. घर की अनियमित बनावट के चलते घर को कोई भाग ऊंचा तो कोई नीचा हो जाता है. इससे घर के अंदर ऊर्जा का असंतुलन हो जाता है. इससे रोग बढ़ने लगते हैं. 

मान्यता है कि घर में ईशान कोण वाला भाग अगर गोल है या कटा हुआ है या फिर दबा हुआ है और जरूरत से ज्यादा बढ़ा हुआ हो,इसके अलावा अग अन्य दिशाओं की तुलना ईशान कोण वाला भाग ऊंचा हो तो घर के सदस्यों को कैंसर जैसी बीमारी का सामना करना पड़ सकता है. ईशान कोण 90 डिग्री में होना चाहिए. इस भाग का फर्श घर के बाकी अन्य फर्श के समान समतल या फिर उससे नीचा होना चाहिए. आइए जानते हैं कि किस वास्तुदोष से कौन से कैंसर हो सकता है. 

ब्लड कैंसर

नैऋत्य में भूमिगत पानी का स्रोत होने पर, नैऋत्य का बहुत नीचा या फिर बढ़ा हुआ होना. इसके साथ ही अन्य सभी दिशाओं की तुलना ईशान कोण नीचा होना, ब्लड कैंसर का कारण बनता है. 

ब्रेस्ट कैंसर 

पूर्व आग्नेय में भूमिगत पानी का स्रोत जैसे टंकी या कुआं आदि होना और अन्य दिशाओं की तुलना ईशान कोण का ऊंचा होना ब्रेस्ट कैंसर देता है. 

यूट्रस कैंसर

दक्षिण या दक्षिण नैऋत्य में भूमिगत पानी का स्रोत होना या किसी भी प्रकार से नीचा या बढ़ा हुआ होने पर यूट्रस कैंसर हो सकता है. 

पेट का कैंसर

पश्चिम और पश्चिम नैऋत्य में भूमिगत पानी का स्रोत होने और इसी भाग के ईशान कोण की तुलना नीचे या फिर बढ़े हुए होने पर पेट का कैंसर होता है. 

किडनी का कैंसर 

पश्चिम और नऋत्य कोण में पानी का स्रोत होने या फिर किसी भी प्रकार से इसका नीचा या फिर बढ़ा हुआ होने पर भी किडनी का कैंसर हो सकता है. 

सिर, गले व मुंह का कैंसर

ईशान कोण का अधिक ऊंचा होना और पश्चिम दिशा का किसी भी प्रकार से अधिक नीचा होना सिर, गले या मुंह के कैंसर का कारण बनता है. 

आंत का कैंसर 

पश्चिम नैऋत्य में भूमिगत पानी का स्रोत होना या फिर इसके नीचे या बढ़े हुए होने पर आंत का कैंसर हो सकता है. 

ब्रेन कैंसर

वायव्य, उत्तर, ईशान व पूर्व दिशा का ऊंचा होना व आग्नेय, दक्षिण, नैऋत्य, पश्चिम में भूमिगत पानी का स्रोत होना या इसका नीचा और अधिक बढ़ा हुआ होना ब्रेन कैंसर की समस्या को पैदा करता है. 

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.