Mangal Dosh: ज्योतिष में मंगल को लाल ग्रह और भूमि पुत्र कहा गया है. इसके साथ ही इनको ग्रहों का सेनापति माना गया है. मंगल का शुभ प्रभाव व्यक्ति को जीवन में आनंद देता है. वहीं, इसका अशुभ प्रभाव विवाह सुख को भी छीन लेता है. मंगल के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. मंगल की खराब स्थिति व्यक्ति को गुस्सैल बनाती है. इसके साथ ही रक्त संबंधी परेशानियां देती है.
शुभ मंगल व्यक्ति को साहसी और लीडर बनाता है. नेतृत्व करने की भी क्षमता को व्यक्ति के अंदर मंगल जाग्रत कर सकता है. कुंडली के 10वें भाव में मंगल का होना शुभ माना जाता है. सूर्य और बुध मिलते हैं तो मंगल शुभ परिणाम देते हैं. धर्म का पालन न करने से भी मंगल अशुभ प्रभाव देता है. चौथे और आठवें भाव में मंगल का होना अशुभ माना जाता है. मंगल के अशुभ फल देने से कुछ बीमारियों का भी खतरा बना रहता है. आइए जानते हैं कि मंगल के अशुभ प्रभाव से कौन सी बीमारियां हो सकती हैं.
मंगल के अशुभ प्रभाव से नेत्र रोग, हाई ब्लड प्रेशर, फोड़े-फुंसी हो जाती हैं. इसके साथ ही मंगल के अशुभ प्रभाव से गठिया का रोग भी इंसान को परेशान करता है. मंगल का अशुभ प्रभाव खून से संबंधित बीमारियों को जन्म देता है. इसके साथ संतान उत्पत्ति में भी समस्या आती है. ऐसे व्यक्ति को बार-बार बुखार आता रहता है. इससे किडनी में पथरी भी हो जाती है.
मंगल को शुभ बनाने के लिए रोज हनुमान जी का पूजन करें. इसके साथ ही गुड़ का सेवन करें. भाई और मित्रों से व्यवहार अच्छा रखें. क्रोध न करें. तांबा, गेहूं, गुड़, माचिस और लाल कपड़े का दान करें. मसूर की दाल का दान करें. मीठी तंदूरी रोटी का दान करें. भूलकर भी अधिक क्रोध न करें. गाय पर लाल वस्त्र ओढ़ाएं. इन सभी छोटे-छोटे उपायों से मंगल ग्रह का शुभ प्रभाव प्राप्त होने लगता है.
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