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70 साल बाद सावन पर बन रहा है यह शुभ संयोग, हर कष्ट से मुक्ति पाएंगे शिव पूजा करने वाले लोग

Sawan 2024: सावन के महीने की शुरुआत साल 2024 में 22 जुलाई को होने जा रही है. इसके साथ ही यह महीना 19 अगस्त तक चलने वाला है. यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. साल 2024 में सावन के महीने की शुरुआत कई शुभ योगों के साथ हो रही है. इस बार 72 साल बार एक शुभ संयोग बनने जा रहा है, जिस कारण भगवान शिव की कृपा अपने भक्तों पर जमकर बरसेगी. 

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Edited By: India Daily Live
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Courtesy: social media

Sawan 2024: साल 2024 में सावन के पवित्र महीने की शुरुआत 22 जुलाई से होने जा रही है.हिंदू पंचांग के अनुसार यह पांचवां महीना है. यह महीना बेहद ही पवित्र और पावन होता है. इस महीने में भगवान शिव का पूजन हर प्रकार के कष्टों से मुक्ति दिलाने वाला होता है. सावन के महीने में इस बार अद्भुत संयोग बन रहा है. 

सावन के महीने की शुरुआत 22 जुलाई को हो रही है और यह 19 अगस्त तक रहने वाला है. इस महीने के शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि, प्रीति और आयुष्मान योग से होगी. यह महीना भगवान शिव की पूजा के लिए महत्वपूर्ण होता है. इस महीने में भगवान शिव का पूजन, व्रत करने से हर मनोकामना पूरी होती है. इसके साथ ही हर प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है. यह महीना बेहद ही पवित्र पावन माना जाता है. मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव का पूजन करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. 

इस बार बन रहा है यह शुभ योग 

करीब 72 साल बाद सावन की शुरुआत और अंत दोनों ही सोमवार को ही हो रहा है. इसके साथ ही इस बार के सावन में 5 सोमवार पड़ रहे हैं, जो कि बेहद ही शुभ माने जाते हैं. इस साल सावन माह में सोमवती अमावस्या और सोमवती पूर्णिमा का भी संयोग बनेगा. इससे पहले यह योग 1976, 1990, 1997 और 2027 में बना था. 

भगवान शिव-पार्वती की मिलती है कृपा

सावन के महीने में भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष कृपा भक्तों पर रहती है. इस महीने में थोड़ा सा भी पूजन जीवन के सभी कष्टों को दूर करने के लिए काफी होता है. मान्यता है कि इसी महीने में समुद्र मंथन के दौरान 14 रत्न प्राप्त हुए थे. इसमें से एक हलाहल विष था. विष का पान भगवान शिव ने इसी माह में किया था. इससे उत्पन्न जलन को रोकने के लिए देवताओं ने भगवान शिव पर जल अर्पित किया था. उस दिन से ही सावन के महीने में भगवान शिव पर गंगाजल अर्पित किया जाता है. यह महीना जीव-जंतु और प्रकृति का सृजन काल कहलाता है. 

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.