Shukra Uday: बीते दिनों देवताओं के गुरु बृहस्पति और दैत्यों के गुरु शुक्र अस्त हो गए थे. उनके अस्त होते ही मांगलिक कार्यों पर रोक लग गई थी. 6 मई को देव गुरु बृहस्पति अस्त हो गए. इसके पहले 28 अप्रैल की सुबह 5 बजकर 17 मिनट पर दैत्य गुरु शुक्र मेष राशि में अस्त हो गए थे. अस्त रहते ही वे वृषभ राशि और मिथुन राशि में प्रवेश कर गए. अब वे 29 जून की रात 7 बजकर 52 मिनट पर मिथुन राशि में उदय हो जाएंगे.
इसके पहले बीती 4 जून को देवगुरु बृहस्पति वृषभ राशि में उदय हो चुके हैं. दोनों शुभ ग्रहों के उदय होने से अब मांगलिक कार्यों पर लगी रोक हट गई है. इस रोक के हटने से मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो गई है.
शुभ ग्रहों के अस्त होने से शुभ और मांगलिक कार्य शादी-विवाह, नामकरण, जनेऊ, मुंडन, गृहप्रवेश, भूमि पूजन, भवन-वाहन, आभूषण की खरीदारी बंद हो गई थी. अब इन सभी कार्यों की शुरुआत हो जाएगी. शुक्रोदय होने के 10 बाद शादियां भी होने लगेंगी. ज्योतिष के अनुसार शुभ मुहूर्त में शादी-विवाह का होना काफी शुभ माना जाता है. विवाह अगर शुभ मुहूर्त में नहीं होता है तो दांपत्य जीवन में परेशानी आने की संभावना हो जाती है. आगामी 7, 9, 11, 12, 13, 15 जुलाई के दिन विवाह आदि शुभ कार्यों को किया जा सकेगा.
अभी आषाढ़ का महीना चल रहा है. इस महीने के शुक्ल पक्ष में देवशयनी एकदशी पड़ती है. देवशयनी एकादशी से ही चातुर्मास की शुरुआत हो जाएगी.इसके बाद इन 4 महीनों में भी किसी भी प्रकार का शुभ कार्य आप नहीं कर सकते हैं. इसके बाद 12 नवंबर को देव उठनी एकादशी के बाद से विवाह के मुहूर्त फिर आ जाएंगे और यह 14 दिसंबर तक चलेंगे. नवंबर के महीने में विवाह 7 और दिसंबर में करीब 8 शुभ मुहूर्त होने वाले हैं.
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