Rangbhari Ekadashi 2024 : रंगभरी एकादशी को काशी में काफी धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन खूब अबीर और गुलाल के साथ माता गौरा का गौना किया जाता है. बीते सोमवार को महंत आवास पर माता गौरा को हल्दी लगी. इसके साथ ही मंगल गीत भी गाए गए. इस दौरान महिलाओं ने माता गौरा की चांदी की मूर्ति को हल्दी लगाई.
20 फरवरी को रंगभरी एकादशी के दिन बाबा काशी विश्वनाथ और माता गौरी को गौना होगा. काशी विश्वनाथ महाराज माता गौरा का गौना कराने टोढ़ीनाम के महंत आवास को माता पार्वती के मायके (गौरी सदनिका) पहुंचे हैं. यहां पर महंत परिवार की महिलाओं ने बीते शनिवार से ही माता गौरी के तीन दिवसीय पूजन के साथ ही उनकी विदाई की तैयारी करनी शुरू कर दी थी. बीते सोमवार को हल्दी की रस्म भी पूरी हो गई है.
काशी के राजा भगवान विश्वनाथ मंगलवार की शाम को अपनी ससुराल महंत निवास पहुंचने वाले हैं. फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानि रंगभरी एकादशी को माता गौरा का गौना होगा. इसके लिए महंत निवास पर छह दिवसीय उत्सव चल रहा है. परिवार की बेटियां, बहुएं, बुआ, चाची व अन्य रिश्तेदार भी वहां पहुंच गए हैं.
माता गौरा की रजत प्रतिमा को स्नान कराकर महिलाओं ने दीक्षित मंत्र से तीन दिवसीय पूजन अनुष्ठान आरंभ कर दिया था. इस अनुष्ठान में माता गौरा का आह्वान, स्थापना, षोडशोपचार पूजन आदि हो रहे हैं. बीते सोमवार को हल्दी की रस्म हुई. सुहागिन महिलाओं ने माता गौरा को हल्दी और तेल लगाया व लोकाचार के साथ मांगलिक गीतों को गाया गया.
20 मार्च को रंगभरी एकादशी के दिन षोडशोपचार पूजन के साथ बाबा विश्वनाथ को दूल्हे और माता गौरा को दुल्हन के रूप में तैयार करके गौने किया जाएगा. इसके बाद बाबा विश्वनाथ माता गौरा को विदा कराकर धूमधाम से काशी विश्वनाथ मंदिर में लाएंगे. इस दौरान खूब अबीर-गुलाल उड़ाया जाएगा. हर तरफ रंग खेला जाएगा. होली से पहले ही काशी में रंग खेला जाएगा.
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