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Sankashti Chaturthi 2024: जानें कब है माघ माह की संकष्टी चतुर्थी, क्या है इस दिन की पूजा विधि?

Sankashti Chaturthi 2024: हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है. इनमें से माघ माह की चतुर्थी काफी खास मानी जाती है. इस दिन भगवान गणेश और सकट माता का पूजन काफी फलदाई होता है. 

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Edited By: Mohit Tiwari
lord ganesha
Courtesy: pexels

हाइलाइट्स

  • भगवान गणेश और सकट माता को समर्पित है संकष्टी चतुर्थी
  • संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं महिलाएं

Sankashti Chaturthi 2024: साल 2024 की पहली संकष्टी चतुर्थी माह महीने में पड़ने जा रही है. इस दिन भगवान गणेश और सकट माता का पूजन किया जाता है. इसे सकट चौथ, वक्रतुण्डी चतुर्थी, माघी चौथ और तिलकुटा चौथ के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन माताएं अपने संतान की लंबी उम्र की कामना से व्रत रखती हैं. माघी चतुर्थी के दिन सकटमाता , भगवान गणेश और चंद्रदेव का पूजन करने का विधान है. इस दिन भगवान गणेश की उपासना करने से जीवन के सभी संकट टल जाते हैं. संकट को दूर करने की तिथि होने के चलते इसको संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं. इस दिन भगवान गणेश की उपासना करने से जीवन के सभी विघ्न दूर हो जाते हैं. 

कब है माघ मास की संकष्टी चतुर्थी?

साल 2024 के माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी  की शुरुआत 29 जनवरी सोमवार की सुबह 6 बजकर 30 में से हो रही है और यह 30 जनवरी की सुबह 8 बजकर 54 मिनट तक रहने वाली है. उदयातिथि के अनुसार संकष्टी चतुर्थी 29 जनवरी को ही मनाई जाएगी. इस दिन चंद्रोदय का समय रात्रि 9 बजकर 10 मिनट रहेगा. 

इस प्रकार करें संकष्टी चतुर्थी का पूजन

इस दिन सबसे पहले सुबह नित्य कर्मों से निवृत्त होकर सूर्य को अर्घ्य दें. इसके बाद भगवान श्रीगणेश की प्रतिमा किसी चौकी पर स्थापित करें. इसके बाद भगवान गणेश को तिलक लगाएं और उनको दूर्वा, जल, चावल, जनेऊ अर्पित करें. इसके साथ ही प्रभु को मोदक या फिर लड्डुओं का भोग लगाएं. संकट चौथ के दिन भगवान गणेश को तिल से बनी हुईं चीजों का भोग अवश्य लगाना चाहिए. इसके साथ ही  धूप दीप के साथ भगवान गणेश के मंत्रों का जाप करें.

इस दिन सकट चौथ की कथा को भी पढ़ना चाहिए. इसके साथ भगवान गणेश के 12 नामों का जाप करना चाहिए. शाम के समय भी भगवान गणेश का पूजन करना चाहिए. इसके अलावा चंद्रमा को अर्घ्य देते समय जल में तिल अवश्य डालें. इस दिन गाय की सेवा भी करें. शाम को चंद्र दर्शन करके ही व्रत का पारण करना शुभ माना जाता है. 

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.