Sankashti Chaturthi 2023 : भगवाव शिव और माता पार्वती के पुत्र भगवान गणेश को बल, बुद्धि और विवेक का दाता माना जाता है. चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. भगवान गणेश का पूजन सभी विघ्न बाधाओं को हर लेता है. इसके साथ ही बप्पा के पूजन से सभी परेशानियों का अंत होता है. हर माह में चतुर्थी दो बार आती है. इस दिन सूर्योदय के उदय से लेकर सूर्यास्त तक उपवास रखा जाता है.
मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 30 नवंबर की दोपहर 02 बजकर 24 मिनट पर शुरु हो रही है. यह तिथि 01 दिसंबर की दोपहर 03 बजकर 31 तक रहने वाली है. इसके साथ ही इस दिन चंद्र दर्शन शाम 07 बजकर 54 मिनट पर होगा.
संकष्टी चतुर्थी के दिन नित्य कामों से निवृत्त होकर स्नान करें. इसके बाद भगवान गणेश का जलाभिषेक करें. भगवान गणेश को पुष्प, फल अर्पित करें. इसके साथ ही उनको पीला चंदन लगाएं. भगवान गणेश को तिल या फिर बूंदी के लड्डुओं का भोग लगाएं. संकष्टी चतुर्थी के दिन कथा का पाठ करें. इसके साथ ही ओम गं गणपतये नमः का जाप करें. पूजा के अंत में भगवान गणेश की आरती करें. इसके साथ ही चंद्रमा के दर्शन करके उनको अर्घ्य दें. इसके बाद व्रत का पारण करें और बप्पा से क्षमा याचना भी कर लें.