Jaya Ekadashi 2024 : हर माह में दो एकादशी आती है. एक एकादशी कृष्ण पक्ष और दूसरी एकादशी शुक्ल पक्ष में आती है. माघ महीने के शुक्ल पक्ष की एकदशी तिथि को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है. एकदशी का दिन भगवान श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होता है. इस दिन भगवान श्रीहरि का पूजन करने से जीवन में सुख-समृद्धि और धन आता है.
जया एकादशी को भूमि एकादशी के नाम से भी जानते हैं. माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 19 फरवरी 2024 की सुबह 08 बजकर 49 पर शुरू हो रही है. इस तिथि का समापन 20 फरवरी की सबुह 09:55 पर होगा. ऐसे में व्रत पारण का समय 21 फरवरी की सुबह 06:55 से सुबह 09:13 तक रहेगा. पारण तिथि के दिन द्वादशी सुबह 11:27 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि होने के चलते एकादशी व्रत 20 फरवरी 2024 को रखा जाएगा.
पद्म पुराण और अन्य धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इस व्रत को करने से व्यक्ति को भूत-प्रेत और पिशाच योनि की यातनाएं नहीं झेलनी पड़ती हैं . इसके साथ ही भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताया था कि इस इस व्रत का करने से ब्रह्म हत्या के पाप से भी मुक्ति मिल जाती है.
धार्मिक मान्यता है कि जया एकादशी के व्रत को करने से व्यक्ति को भगवान श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इससे परिवार में सुख और समृद्धि बनी रहती है. इसके साथ ही जया एकादशी व्रत को करने से समस्त पापों का भी अंत हो जाता है.
जया एकादशी के दिन जल्दी सुबह उठकर भगवान श्रीहरि विष्णु का ध्यान करें. इसके बाद व्रत का संकल्प लें. स्नान आदि करने के बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा को स्थापित करें और उनको चंदन का लेप लगाएं. इसके साथ ही प्रभु को तिल, फल, दीपक और धूप अर्पित करें. इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम और नारायण स्त्रोत का पाठ करना शुभ रहेगा. इसके अगले दिन द्वादशी को ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उनको दक्षिणा आदि देकर सम्मानपूर्वक विदा करें.
Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.