Buddha Purnima 2024: पूर्णिमा तिथि चंद्रदेव और भगवान विष्णु को समर्पित होती है.वहीं, वैशाख माह की पूर्णिमा को भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. इस कारण इसे बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. इसके साथ ही इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु का पूजन भी किया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु और भगवान बुद्ध का पूजन हर प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति करता है. भगवान बुद्ध, भगवान विष्णु का ही नौंवा अवतार है.
पूर्णिमा तिथि के दिन दान-पुण्य को काफी अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन दान-पु्ण्य करने का फल दोगुना हो जाता है. वैशाख माह की पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का भी काफी महत्व होता है. भगवान बुद्ध और गौतम बुद्ध दोनों अलग-अलग हैं.
पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 22 मई की शाम 06:47 ms हो रहा है और यह 23 मई की शाम 07:22 तक रहने वाली है. इस दिन शाम 07:03 बजे चंद्रोदय होगा.
बुद्ध पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करें और घर के मंदिर को साफ करें. इसके बाद भगवान श्रीहरि विष्णु की प्रतिमा के सामने दीपक जलाएं. उनको तिल व चीनी भी अर्पित करें. तिल के तेल से भगवान विष्णु की आरती करें. बोधिवृक्ष की जड़ों में दूध अर्पित करें. पूजन के बाद दान अवश्य करें. इस दिन दान देना गौदान के बराबर पुण्य फल प्रदान करता है. इस दिन चंद्रमा का पूजन भी विशेष रूप से फलदायी होता है. इस दिन भगवान विष्णु, चंद्रमा और माता लक्ष्मी को खीर का भोग भी लगाएं.
बुद्ध पूर्णिमा पर आप (ओम मणि पद्मे हुं, नमो तस्से बुद्धाया, ये धर्म्म हेतु प्रभवाद्वय संसारो, शरणागमन मंत्र, बुद्धम शरणम गच्छामि, धम्मम शरणम गच्छामि,संघम शरणम गच्छामि, ॐ नमो नारायणाय, ॐ विष्णु विष्णु, लक्ष्मी नारायण नमः, गोविंद गोविंद हरि कृष्ण हरि कृष्ण) आदि मंत्रों का जाप करें.
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