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कर्ण और दुर्योधन की पत्नी के बीच था खास संबंध, एक साथ खेलते थे शतरंज

Mahabharata Facts: महाभारत में दुर्योधन की पत्नी और कर्ण के बीच एक खास संबंध था. दुर्योधन की पत्नी भानुमति काम्बोज के राजा चंद्रवर्मा की पुत्री थीं. दुर्योधन ने उनको उनके स्वयंवर से हर लिया था और इसमें कर्ण ने उसका पूरा साथ दिया था. भानुमति की सहेली सुप्रिया के साथ कर्ण ने विवाह किया था. 

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Edited By: India Daily Live
KARNA
Courtesy: CANVA AI

Mahabharata Facts: महाभारत में कर्ण का नाम हमेशा सम्मान के साथ लिया जाता है. अपनी मित्रता निभाने के लिए उन्होंने अधर्म का साथ दे दिया था. इसके साथ ही वे एक बड़े दानवीर योद्धा थे. उनका उनके मित्र दुर्योधन की पत्नी के साथ काफी खास संबंध था. दोनों एक दूसरे के साथ शतरंज खेला करते थे. दुर्योधन की पत्नी और कर्ण काफी घनिष्ठ मित्र थे. वही, दुर्योधन की पत्नी की सहेली का विवाह भी कर्ण के साथ हुआ था. 

काम्बोज के राजा चंद्रवर्मा की पुत्री भानुमती बेहद ही रूपवान और गुणवान स्त्री थी. एक बार राजा ने अपनी पुत्री के विवाह के लिए स्वयंवर का आयोजन किया था. स्वयंवर में शिशुपाल, जरासंध, रुक्मी, वक्र और दुर्योधन व कर्ण जैसे बड़े शूरवीर योद्धा आमंत्रित थे. कथाओं के अनुसार जब भानुमति हाथ में वरमाला लेकर अपनी दासियों और अंगरक्षकों के साथ आईं तो वे एक-एक करके सभी राजाओं के पास से गुजरीं. दुर्योधन चाहता था कि भानुमति उसको माला पहना दे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 

दुर्योधन ने कर लिया हरण 

जब भानुमति ने दुर्योधन के गले में वरमाला नहीं डाली तो दुर्योधन से झपटकर खुद ही अपने गले में वरमाला डाल ली. यह देखकर वहां मौजूद सभी राजाओं ने तलवार निकाल ली. इस पर दुर्योधन ने सभी राजाओं को कर्ण से युद्ध करने की चुनौती दी. कर्ण ने सभी राजाओं को युद्ध में परास्त कर दिया. 

भानुमति और कर्ण के बीच था खास संबंध 

दुर्योधन ने भानुमति को हस्तिनापुर लाकर अपनी पत्नी बना लिया. इससे उसको लक्ष्मण नाम का पुत्र और लक्ष्मणा नाम की पुत्री हुई. भानुमति का कर्ण के साथ अच्छा संबंध हो चला था. वे दोनों घनिष्ठ मित्र थे. भानुमति ने अपनी सहेली सुप्रिया का विवाह कर्ण से कराया था. 

कर्ण से टूटा भानुमति का हार

एक बार कर्ण और भानुमति शतरंज खेल रहे थे. इस खेल में कर्ण की जीत हो रही थी. इतने में भानुमति ने दुर्योधन को आते हुए देखा तो वह उठने लगी. कर्ण को लगा कि भानुमति हारने के कारण उठकर जा रही हैं. इस पर कर्ण ने भानुमति को हाथ पकड़कर बैठाने की कोशिश की. इसमें भानुमति का आंचल फट गया और मोतियों भी माला भी टूट गई. इसी समय कर्ण ने भी दुर्योधन को आते हुए देख लिया. 

दुर्योधन के सामने कर्ण को आई शर्म

दुर्योधन को देखकर भानुमति और कर्ण शर्म से पानी-पानी हो गए. उन्होंने लग रहा था कि दुर्योधन उनके बारे में क्या समझेगा. दुर्योधन ने दोनों को देखा और पूछा कि मोती बिखरे रहने दोगे या मैं तुम्हारी इन्हें समेटने में मदद करूं. दुर्योधन को कर्ण और भानुमति पर विश्वास था. इस कारण उसने इसका कुछ भी गलत अर्थ नहीं निकाला. 

दुर्योधन और भानुमति में होती थी कुश्ती

गांधारी सती पर्व के अनुसार दुर्योधन व भानुमति खेल-खेल में कुश्ती किया करते थे. इसमें कभी-कभी दुर्योधन हार भी जाता था.  

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.