Amarnath Yatra: अमरनाथ यात्रा एक दुर्गम और कठिन यात्रा मानी गई है. यहां पर भगवान शिव का शिवलिंग बर्फ से बन जाता है. मान्यता है कि इस अमरनाथ गुफा में ही भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर कथा सुनाई थी. यहां भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने से जन्म-जन्मांतरों के पाप मिट जाते हैं. यहां पर पहुंचने का रास्ता काफी दुर्गम है. इस कारण इस यात्रा में काफी सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है.
हर कोई इस यात्रा को नहीं कर सकता है. इस यात्रा के लिए आपको पहले रजिस्ट्रेशन कराना होता है. इसके बाद श्रद्धालुओं को यात्रा का परमिट जारी किया जाता है. इसके लिए आपको मेडिकली फिट होना आवश्यक है. कुछ बीमारियों से ग्रसित लोगों को इस यात्रा में जाने की अनुमति नहीं होती है. आइए जानते है कि इस यात्रा में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.
अमरनाथ यात्रा पर जा रहे हैं तो आपको पर्याप्त कपड़े रखने के साथ ही एक छतरी भी अपने साथ कैरी करनी चाहिए.
यहां जाने से पहले विंडचीटर, रेनकोट, वाटरप्रूफ ट्रेकिंग कोट, टॉर्च, मंकी कैप, ग्लव्स, जैकेट, ऊनी मोजे और वाटरप्रूफ पैजामा अपने साथ रख लेना चाहिए.
महिलाओं को साड़ी की जगह सलवार कमीज, ट्रेक सूट या फिर पैंट शर्ट पहनना चाहिए.
आप अपने साथ बिस्कुट, टॉफी या फिर डिब्बाबंद भोजन रख सकते हैं. इससे भोजन की छोटी-मोटी जरूरत को तुरंत पूरा किया जा सकता है.
अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा बताए गए सभी नियमों का आपको कड़ाई से पालन करना चाहिए.
यात्रियों को अपने साथ पेनकिलर और एसपिरिन जैसी दवाइयां जरूर कैरी करनी चाहिए.
यात्रा के समय ढीले और आरामदायक कपडे़ ही पहनकर रखें.
अमरनाथ यात्रा मार्ग पर कई स्थानों पर चेतावनी लिखी होती है. आपको इन स्थानों पर बिल्कुल भी नहीं रुकना चाहिए.
यात्रा को ट्रेकिंग शूज पहनकर ही करें. चप्पल पहनने की गलती न करें.
कोई भी शॉर्टकट रास्ते का इस्तेमाल न करें. नियमों का पूरी तरह से पालन करें.
इस यात्रा में कोई भी ऐसा काम न करें, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है.