शनिदेव को दीपक अर्पित करते समय करते हैं ये गलतियां तो हो जाएं सावधान, प्रसन्न की जगह क्रोधित हो जाएंगे भगवान 

Shanidev Puja: शनिवार का दिन भगवान शनिदेव को समर्पित होता है. शनिदेव को कर्मफलदाता माना जाता है. शनि की कुदृष्टि जीवन में कई प्रकार की परेशानियों को जन्म देती है. ऐसे में अगर आप शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए दीपक आदि अर्पित करते हैं तो बात का विशेष ख्याल रखें कि कहीं आप पूजन में कोई गलती तो नहीं कर रहे हैं. पूजन में की गई गलती शनिदेव का प्रसन्न करने की जगह क्रोधित कर सकती है. 

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Shanidev Puja: हिंदू धर्म में शनिदेव को न्यायाधीश का दर्जा प्राप्त है. वे व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं. जब शनि की कुदृष्टि किसी व्यक्ति पर पड़ती है तो उसका जीवन बद से बदतर हो जाता है. आर्थिक, मानसिक और शारीरिक कष्ट ऐसे व्यक्ति का पीछा नहीं छोड़ते हैं. ऐसे में लोग इन समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए और शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए कई सारे अलग-अलग उपाय करते हैं.

शनिदेव के पूजन में सावधानी बरतने की काफी आवश्यकता होती है. पूजन में हुईं गलतियां शनिदेव को प्रसन्न करने की जगह क्रोधित कर देती हैं. शनिदेव के पूजन में कुछ कामों को नहीं करना चाहिए. इन कामों को करने से शनिदेव के क्रोध का आपको भागी बनना पड़ सकता है. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए लोग सरसों के तेल का दीपक जलाते हैं पर इसको जलाने के समय पर भी वे कुछ गलतियां कर देते हैं, जिससे उनको इसका फल नहीं मिलता है. आइए जानते हैं कि शनिदेव के पूजन में कौन से काम नहीं करना चाहिए. 

शनिदेव के पूजन में न करें ये काम 

अक्सर लोग शनिदेव मंदिर के बाहर से ही तेल वाला दीपक खरीद लेते हैं. ऐसा बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. इससे शनि का प्रभाव कभी भी खत्म नहीं होता है. उल्टा शनि की क्रूर दृष्टि का आपको भागी बनना पड़ता है. शनिदेव का दीपक अर्पित करने के लिए आपको काले तिल, दीपक और सरसों का तेल शुक्रवार के दिन ही खरीदकर रख लेना चाहिए, क्योंकि शनिवार के दिन सरसों के तेल और काले तिल खरीदना वर्जित है. 

न करें इन बर्तनों का इस्तेमाल 

शनिदेव के पूजन में तांबे के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. तांबा धातु सूर्य का प्रतिनिधित्व करती है. सूर्य देव के पुत्र शनिदेव हैं पर पिता और पुत्र एक दूसरे के शत्रु हैं. शनिदेव के पूजन में हमेशा लोहे या स्टील के बर्तनों का ही इस्तेमाल करना चाहिए. 

लाल फूल को रखें दूर 

शनिदेव को कभी भी लाल रंग के फूल, लाल रंग का कपड़ा  नहीं अर्पित करना चाहिए. लाल रंग मंगल का प्रतीक है और मंगल और शनि आपस में शत्रु हैं. शनिदेव को गेंदे का फूल भी नहीं चढ़ाना चाहिए. इसके अलावा इनके पूजन में पीले चंदन का प्रयोग न करें. इनको हमेशा लाल चंदन ही अर्पित करना चाहिए. इससे साढ़ेसाती का प्रभाव कम होता है. 

सफेद तिल न करें अर्पित 

शनिदेव को सफेद तिल अर्पित नहीं करना चाहिए. इससे शनिदेव की अशुभ छाया पड़ती है. शनिदेव को काले तिल और काली उड़द की दाल की खिचड़ी अर्पित की जाती है. खिचड़ी में मसूर की दाल आपको भूलकर भी न डालनी चाहिए.

शनिदेव की न देंखे आंखें

शनिदेव का पूजन हमेशा सूर्यास्त के बाद ही करना चाहिए. दिन में किया गया पूजन शनिदेव स्वीकार नहीं करते हैं. आपको शनिदेव की पूजा करते समय उनके चरणों पर नजर रखनी चाहिए. उनकी आंखों में देखने से शनि का प्रभाव और बढ़ता है.  इसके साथ ही उनकी पूजा करते समय आपका मुख पश्चिम दिशा की ओर ही होना चाहिए. 

पीपल के पेड़ की जरूर करें पूजा

शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ का पूजन अवश्य करें. पेड़ पर सरसों का तेल अर्पित करें. इसके साथ ही पीपल के पेड़ पर जल भी अर्पित करें. 

 

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.