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षटतिला एकादशी पर कर लें तिल के ये उपाय, दूर हो जाएंगी आपके जीवन की सभी समस्याएं

षटतिला एकादशी पर तिल का प्रयोग किया जाता है. इस दिन तिल के कुछ उपाय करने से जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. 

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Edited By: Mohit Tiwari
lord vishnu

माघ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को षटतिला एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन तिल का 6 प्रकार से प्रयोग किया जाता है. इस कारण इसको षटतिला कहा जाता है. इस दिन तिल से स्नान, भोजन और पूजन किया जाता है. षटतिला एकादशी पर भगवान विष्णु का पूजन बेहद ही फलदायी होता है. इस दिन व्रत को रखने से मनुष्यों को अपने पापों से मुक्ति मिलती है. इस व्रत को रखने से जीवन में सुख समृद्धि आती है. इस दिन किए गए तिल के उपाय जीवन की सभी समस्याओं से निजात दिला सकते हैं. 

मनोकामना की पूर्ति के लिए उपाय

एक पीतल की थाली में तिल से बनीं पांच चीजों को रखकर शुभ मुहूर्त में किसी मंदिर में भगवान विष्णु को अर्पित करते हुए अपनी मनोकामना का स्मरण करें. याद रखें थाली वहां से लेकर नहीं आना है. उसे मंदिर में ही छोड़ देना है.

तिल के इन उपायों से प्राप्त होती है सुख-समृद्धि और मिटता है ग्रह दोष

षटतिला एकादशी के दिन तिल को 6 तरह से प्रयोग में लेना उत्तम फलदायी होता है. जैसे पानी में तिल डालकर स्नान, तिल का सेवन, भोजन में तिल का प्रयोग, तिल से तर्पण, तिल का दान, और तिल से यज्ञ करने पर भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही आर्थिक स्थिति में मजबूती आती है. साधक को धन लाभ मिलता है. इसके साथ ही प्राणी को इस लोक में सभी सुख प्राप्त होते हैं एवं मरणोपरांत मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस एकादशी का व्रत करने से वाचिक, मानसिक और शारीरिक तीन तरह के पापों से मुक्ति भी मिलती है.  

तिल से स्नान 

इस दिन प्रातः सर्वप्रथम स्नान वाले जल कुछ बूंद गंगाजल और तिल मिला लें और उसके बाद ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का जाप करते हुए स्नान करें. ऐसा करने से सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है व आध्यात्मिक ऊर्जा का विकास होता है.

तिल के तेल से मालिश

षटतिला एकादशी के दिन व्रत करने वाले और न व्रत रखने वाले सभी लोगों को तिल के तेल से मालिश करना बहुत शुभ रहता है. ऐसा करने से शरीर निरोग होता है और सर्दी से उत्पन्न विकार दूर होते हैं.

तिल से हवन

शास्त्रों के अनुसार तिल से हवन करना बहुत शुभ बताया गया है. इस दिन हवन करने से पहले गाय के घी में काले तिलों को मिला लें और फिर ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ मंत्र का जप करते हुए हवन करें. ऐसा करने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं,समृद्धि आती है. वहीं, सफेद तिल से श्रीसूक्त का पाठ से हवन करने से माता लक्ष्मी की अति शीघ्र कृपा होती है.

तिलोदक

इस दिन तिलोदक करते हैं यानि पंचामृत में तिल मिलाकर भगवान विष्णु को स्नान कराते हैं, जिससे दुर्भाग्य दूर होता है. इसके साथ ही इस दिन आप दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पितरों को तिल मिश्रित जल का तर्पण करें. इससे उनका आशीर्वाद मिलता है और परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है.

तिल का दान

शास्त्रों में उल्लेख मिलता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन तिलों का दान करता है, उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि एकादशी के दिन जितने तिलों का दान किया जाता है, उतने ही पाप नष्ट हो जाते हैं और उतने ही सालों के लिए स्वर्ग लोक में स्थान प्राप्त होता है. काले तिल का दान करने से शनि दोष शांत होता है.

तिल का सेवन

इस दिन सायंकाल के समय तिल युक्त भोजन बनाकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को भोग लगाएं. इसके साथ ही गरीब व जरूरतमंद को तिल से बनी हुई चीजों का भोजन कराएं. व्रती को भी तिलयुक्त फलाहार करना चाहिए. ऐसा करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है.

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.