Mokshada Ekadashi: मोक्षदा एकादशी का हिंदू धर्म में खास महत्व होता है. इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है. मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती एक ही दिन होती है. इस कारण इस दिन व्रत करने से यज्ञ के बराबर फल मिलता है.
साल 2023 में मोक्षदा एकादशी 22 दिसंबर को है. इस बार मोक्षदा एकादशी का व्रत दो दिन रखा जाएगा. इस एकादशी का व्रत जीवन में अहंकार, अभिमान से मोक्ष दिलाता है. इस व्रत को करने से जीवन की सभी समस्याओं से छुटकारा मिलता है. इस दिन आप अपनी समस्याओं के अनुसार कुछ खास उपायों को कर सकते हैं. आइए आचार्य विक्रमादित्य से जानते हैं कि मोक्षदा एकादशी पर कौन से उपायों को करना चाहिए.
मोक्षदा एकादशी के दिन गाय को हरा चारा खिलाना लाभकारी माना गया है. यदि ऐसा संभव न हो तो गौशाला में गाय के चारे के लिए पैसे दान करें. इसके अलावा किसी तालाब में मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं.
एकादशी के दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता है. इसके साथ ही केले के पेड़ का पूजन भी महत्वपूर्ण माना गया है. खासतौर पर जिस व्यक्ति की कुंडली में गुरु कमजोर होता है उसे एकादशी के दिन केले के पेड़ का पूजन अवश्य करना चाहिए. इससे गुरु की स्थिति मजबूत होती है और विवाह में आ रही बाधाएं भी दूर होती हैं.
विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए आपको पीली वस्तुओं का दान करना चाहिए. मोक्षदा एकादशी के दिन अगर आप भगवान विष्णु को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इस दिन पीली वस्तुएं जरूर दान करें. इसके अलावा अगर आप किसी ब्राह्मण को पीले रंग के वस्त्र दान करेंगे तो यह आपके लिए लाभदायक साबित होगा. इससे आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.
मोक्षदा एकादशी पर पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं. पीपल में भगवान विष्णु का वास माना जाता है. इससे कर्ज से मुक्ति मिलती है. इसके साथ ही आर्थिक स्थिति में भी सुधार आता है.
आज भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाना चाहिए. खीर में तुलसी के पत्ते डाल कर भोग लगाएं. इससे घर में शांति बनी रहती है. परिजनों के बीच भाईचारा बना रहता है.
मोक्षदा एकादशी की शाम तुलसी के पौधे के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं और ॐ वासुदेवाय नमः मंत्र बोलते हुए तुलसी के पौधे की 11 परिक्रमा करें. इससे घर में सुख-शांति बनी रहती है और घर में किसी भी तरह का संकट नहीं आता है.
यदि आपके घर धन आते ही खर्च हो जाता है तो आपको मोक्षदा एकादशी के दिन भगवान कृष्ण को पान का पत्ता अर्पित करना चाहिए. इस पान के पत्ते पर पहले रोली से श्री लिख लें और तब ये भगवान को अर्पित करें. पूजा के बाद इन पत्तों को लाकर अपने तिजोरी या अलमारी में रख दें.
Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.