Basant Panchami 2024 : माता सरस्वती को विद्या और शिक्षा की देवी माना जाता है. बसंत पंचमी के दिन माता सरस्वती का प्राकट्य हुआ था. इस दिन से बसंत माह की शुरुआत होती है. इसके साथ ही इस दिन रति और कामदेव का भी पूजन किया जाता है. माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि से बसंत उत्सव की शुरुआत हो जाती है. इस पर्व पर माता सरस्वती के पूजन के साथ ही रति और कामदेव का भी पूजन किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन कुछ आसान से उपायों को करने से जीवन की हर समस्या का समाधान हो जाता है.
आप जिसको पसंद करते हैं उस चेहरे को मन में याद करते हुए हाथ में पीले फूल लें. इसके बाद कामदेव के मंत्र 'ऊं नमो भगवते कामदेवाय, यस्य यस्य दृश्यो भवामि, यश्च यश्च मम मुखम पछ्यति तत मोहयतु स्वाहा।' का 108 बार जाप करें. इसके बाद उन फूलों को होली तक अपने पास संभालकर रखें, इसके बाद उनको बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें. ऐसा करने से आपके अंदर आकर्षण बढ़ जाएगा.
बसंत पंचमी के दिन भगवती रति और कामदेव का पूजन करें और उनको पुष्प आदि अर्पित करें. ऐसा करने से आपके दांपत्य जीवन में सुधार आता है.
बसंत पंचमी के दिन सफेद कोरे कागज पर सिंदूर से 'क्लीं' लिखकर उसे मोड़कर जीवनसाथी के कपड़ों में रख दें. ऐसा करने से आपका जीवनसाथी गुस्सा छोड़कर आपसे मान जाएगा. इसके बाद इस कागज को बहते जल में प्रवाहित कर दें.
अगर आपके बच्चे ने लिखना प्रारंभ नहीं किया है तो बसंत पंचमी के दिन उसका हाथ पकड़कर स्लेट पर कुछ लिखवाएं. इस दिन से ही अक्षराम्भ कराएं. ऐसा करने से बच्चा पढ़ाई के क्षेत्र अच्छा करता है.
बसंत पंचमी के दिन आपको कामदेव के एकाक्षर मंत्र 'क्लीं' बोलते हुए दही से मिश्रित धान के लावे से हवन करना चाहिए. बसंत पंचमी पर ऐसा करने से अच्छे पति या एक अच्छी पत्नी की तलाश पूरी हो जाती है.
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