Vivekananda Rock: आगामी 1 जून को सातवें चरण का मतदान होना है. इसके पहले चुनाव अभियान के समापन से पहले पीएम मोदी 30 मई से 1 जून तक कन्याकुमारी में रहेंगे और वहां रॉक मेमोरियल में ध्यान करेंगे. मान्यता है कि इसी जगह पर स्वामी विवेकानंद ने ध्यान किया था. इसके पहले भी पीएम मोदी साल 2019 में लोकसभा चुनावों के अंतिम चरण के मतदान के समय केदारनाथ दौरे पर गए थे और वहां पर रूद्र गुफा में ध्यान भी किया था.
स्वामी विवेकानंद पूरा देश घूमने के बाद इसी स्थान पर पहुंचे थे. यहां पर उन्होंने तीन दिनों तक ध्यान करके विकसित भारत का सपना देखा था. इसके पहले पिछले साल मार्च में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी विवेकानंद रॉक मेमोरियल का दौरा किया था. इस र
भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति वीवी गिरि ने 2 सितंबर 1970 में किया था. यह विवेकानंद के साथ ही एकांतजी रानाडे का भी स्मारक है.
एक मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने इसी स्थान पर भगवान शिव के लिए ध्यान और तप किया था. यह स्थान भारत के दक्षिणी छोर पर स्थिति है.
आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद ने 1893 में विश्व धर्मसभा में शामिल होने से पहले कन्याकुमारी आए थे. एक दिन वे तैरकर इस विशाल शिला पर पहुंच गए थे. यहां साधना करके उन्हें जीवन का लक्ष्य एवं लक्ष्य प्राप्ति के लिए मार्गदर्शन मिला था.
भारत ही नहीं पूरी दुनिया से लोग यहां पर आते हैं. चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि पर इस जगह पर सूर्य और चंद्रमा दोनों आमने-सामने दिखाई देते हैं.
इस भवन को बेहद ही शानदार तरीके से डिजाइन किया गया है. इसका वास्तुशिल्प अजंता-एलोरा की गुफाओं के प्रस्तर शिल्पों जैसा लगता है. इसका मुख्यद्वार बेहद की खूबसूरत है. नीले और लाल ग्रेनाइट के पत्थरों से इसको बनाया गया है. इसमें करीब 70 फीट ऊंचा गुंबद है. यह करीब 6 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है. यह स्मारक दो पत्थरों के शीर्ष पर बना हुआ है.
यहां पर श्रीपद और विवेकानंद नाम के दो मंडप हैं. श्रीपद मण्डपम श्रीपद पराई पर स्थित है, इसे देवी कन्या कुमारी का आशीर्वाद मिला हुआ है. विवेकानंद मंडपम् के चार भाग हैं. इसमें ध्यान मंडपम में पर्यटक ध्यान करते हैं. यहां पर 8 फीट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर स्वामी विवेकानंद की कांसे से बनी हुई मूर्ति है.
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