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क्या होती है स्पिरिचुअल इंटिमेसी? जो कपल्स के रिलेशन को बनाती है मजबूत, स्टडी में हुआ चौंका देने वाला खुलासा

Psypost.org के अनुसार, ‘जर्नल ऑफ़ सोशल एंड पर्सनल रिलेशनशिप’ में प्रकाशित इस अध्ययन में यह पाया गया कि आध्यात्मिक इंटिमेसी न केवल रिश्ते की संतुष्टि बढ़ाती है, बल्कि उसे अधिक स्थायित्व भी प्रदान करती है.

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Edited By: Garima Singh
What is spiritual intimacy
Courtesy: x

What is spiritual intimacy: आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में हर कोई सफलता की दौड़ में आगे निकलने की होड़ में लगा हुआ है. इस भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग अक्सर खुद को अकेला महसूस करते हैं और मानसिक शांति के लिए अध्यात्म का सहारा लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपने साथी के साथ आध्यात्मिक गतिविधियों में शामिल होना रिश्ते को और भी मजबूत बना सकता है.

हाल ही में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक, जो कपल्स आध्यात्मिक रूप से जुड़े रहते हैं, वे अपने रिश्ते में अधिक संतुष्टि महसूस करते हैं. उनके बीच भावनात्मक जुड़ाव गहरा होता है और वे व्यक्तिगत विकास में भी वृद्धि का अनुभव करते हैं. Psypost.org के अनुसार, ‘जर्नल ऑफ़ सोशल एंड पर्सनल रिलेशनशिप’ में प्रकाशित इस अध्ययन में यह पाया गया कि आध्यात्मिक इंटिमेसी न केवल रिश्ते की संतुष्टि बढ़ाती है, बल्कि उसे अधिक स्थायित्व भी प्रदान करती है.

अध्ययन में क्या कुछ आया सामने 

शोधकर्ताओं ने यह जानने की कोशिश की कि क्या आध्यात्मिक अनुभव साझा करना और एक-दूसरे को सहानुभूति के साथ सुनना, रिश्ते की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है. अध्ययन के परिणामों से पता चला कि जिन कपल्स में आध्यात्मिक अंतरंगता अधिक थी, वे भावनात्मक रूप से अधिक जुड़े हुए थे और उनके रिश्ते में संतुष्टि और प्रतिबद्धता अधिक थी.

शोध की पूरी जानकारी

यह अध्ययन अमेरिका के मध्य-पश्चिमी क्षेत्र के एक विश्वविद्यालय के 207 डेटिंग कपल्स पर किया गया. इन रिश्तों की औसत अवधि लगभग 19 महीने थी. अध्ययन में 83% प्रतिभागी महिलाएं थीं, जबकि 85% प्रतिभागी श्वेत और 80% विषमलैंगिक थे. अध्ययन में शामिल आधे से अधिक लोग धार्मिक आस्थाओं में विश्वास रखते थे, जबकि बाकी नास्तिक, अज्ञेयवादी या अन्य विश्वासों के अनुयायी थे. इन प्रतिभागियों से उनके रिश्ते की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए विभिन्न सवाल पूछे गए, जिनमें उनके और उनके साथी के बीच आध्यात्मिक वार्तालाप की आवृत्ति, धार्मिक विश्वास, संदेह और संघर्षों को साझा करने की प्रवृत्ति शामिल थी.