Premanand Maharaj: बाबा प्रेमानंद महाराज वृंदावन में रहने वाले पूजनीय संत हैं. वे राधारानी के अनन्य भक्त हैं. उनके आश्रम में उनका आशीर्वाद लेने देश-दुनिया की कई हस्तियां आती हैं. वे अपने आश्रम में लोगों से मिलते हैं और उनके मन में आने वाले प्रश्नों का उत्तर देते हैं. जो भी व्यक्ति उनके पास अपनी समस्या लेकर जाता है, वह उसका समाधान बता देते हैं. स्वामी प्रेमानंद महाराज ने कई ऐसी बातों को बताया है, जिससे आध्यात्म की आड़ में होने वाले पाखंड की सच्चाई का लोगों को पता लगा है.
प्रेमानंद महाराज से उनके दर्शन को आए एक भक्त ने पूछा कि क्या प्याज-लहसुन खाना पाप है. हमें प्याज लहसुन खाना चाहिए या फिर नहीं खाना चाहिए. इस पर प्रेमानंद महाराज ने उत्तर देते हुए बताया कि प्याज और लहसुन में तमोगुण विद्यमान होता है. अगर कोई भगवत मार्ग पर चल रहा है तो उसके लिए प्याज और लहसुन का सेवन निषेध है, क्योंकि इससे तमोगुण उत्पन्न होता है, जो भगवत प्राप्ति के मार्ग में बाधा बनता है.
इस प्रश्न के उत्तर में प्रेमानंद महाराज ने बताया है कि भक्तों को हमेशा सात्विक भोजन ही करना चाहिए. वहीं, अगर कोई व्यापारी है या विद्यार्थी है, जिसका अक्सर घर के बाहर आना-जाना लगा रहता है. वहां पर बिना प्याज-लहसुन का खाना मिलना काफी कठिन होता है तो ऐसे लोग प्याज-लहसुन का सेवन कर सकते हैं. यह पाप की श्रेणी में नहीं आता है. यह भोजन तामसिक भोजन की श्रेणी में होता है. इसका सेवन मांस के समान नहीं है और न ही पाप है, लेकिन अगर आप भक्ति मार्ग पर हैं तो इसका सेवन पाप है.
Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. INDIA DAILY LIVE इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.