Premanand Maharaj: स्वामी प्रेमानंद महाराज वृंदावन के जाने-माने संत हैं. उनसे मिलने के लिए बड़े-बड़े सेलिब्रिटी और राजनेता भी आते हैं. वे राधारानी के भक्त है और अपने आश्रम में आने वाले हर व्यक्ति के प्रश्नों का उत्तर भी देता हैं. उन्होंने कई बार अपने प्रवचनों के माध्यम से सुखी जीवन जीने का मंत्र बताया है. स्वामी प्रेमानंद महाराज जी ने बताया है कि कैसे व्यक्ति सही आचरण रखकर ईश्वर की प्राप्ति कर सकता है.
पैसे की चाह हर व्यक्ति को होती है. ऐसे में स्वामी प्रेमानंद महाराज ने कुछ उपाय बताए हैं, जिनको अपनाकर आप धनवान बन सकते हैं.स्वामी प्रेमानंद महाराज ने बतायाा है कि अमीर और गरीब व्यक्ति अपने कर्मों से बनता है. आपके अच्छे कर्म ही आपको धन की प्राप्ति कराते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कुछ ऐसे कार्यों को भी बताया है, जो आपको कभी भी नहीं करने चाहिए. आइए जानते हैं कि वे कार्य कौन से हैं.
भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि अन्न ही ब्रह्म है. अन्न का अपमान साक्षात ब्रह्म का अपमान होता है. इस कारण प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि आप जिस थाली में खाना खाते हैं, उसमें कभी भी अपने हाथ नहीं धोएं. जो भी व्यक्ति खाने की थाली में ही हाथ धोता है, उससे माता अन्नपूर्णा और भगवान ब्रह्मा नाराज हो जाते हैं. ऐसे व्यक्ति के घर में दरिद्रता का वास होने लगता है.
स्वामी प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि सुबह उठने के बाद बिस्तर को कभी भी बिखरा हुआ न छोड़ें. सबसे पहले अपने बिस्तर को व्यवस्थित करें. इसके बाद कुछ और कार्य करें. बिखरे हुए बिस्तरों से नकारात्मकता आती है. इसके साथ ही माता लक्ष्मी भी रूठ जाती हैं.
प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि व्यक्ति को कभी भी गंदे कपड़े नहीं पहनने चाहिए और न ही कपड़े उतारकर इधर-उधर फेंकने चाहिए. गंदे घर से जीवन में असफलता आती है. ऐसे घर में सुख और संपन्नता नहीं आ पाती है. आइए जानते हैं कि घर को साफ-सुथरा कैसे रखें.
कभी भी मंदिर खाली हाथ नहीं जाना चाहिए. जब भी मंदिर जाएं तो कुछ न कुछ अवश्य लेकर जाएं. भगवान को अपनी समस्या और मनोकामना बताएं. इस प्रकार मनोकामना अवश्य ही पूरी होती है.
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि अमावस्या, एकादशी, मंगलवार, गुरुवार, शनिवार को कभी भी बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए. ऐसा करने से ग्रहों का अशुभ प्रभाव पड़ता है, जिससे जीवन में कष्ट आते हैं.
हिंदू धर्म में दिशा काफी अधिक महत्व रखती है. दक्षिण ओर मुख करके कभी भी पूजन नहीं करना चाहिए. देवी-देवताओं के पूजन के लिए यह दिशा उचित नहीं होती है. इसके साथ ही पूजन के बाद आसन को साफ जगह पर रखना चाहिए. इन उपायों अपनाने से देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है.
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