Sawan 2024: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है.इस कारण इस महीने में पड़ने वाली सभी तिथियों का महत्व भी दोगुना हो जाता है. हर महीने में त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. यह व्रत इतना प्रभावशाली है कि इसको करने से जिंदगी के सभी सुख मिलते हैं. शाम का समय प्रदोष काल होता है. इस काल में ही इस व्रत के दिन पूजन किया जाता है.
साल 2024 के सावन के महीने में 1 अगस्त को प्रदोष व्रत पड़ रहा है. इस दिन शाम को भगवान भोलेनाथ का पूजन जिंदगी के सभी दुखों को दूर करता है और समस्त आशाओं की पूर्ति करता है.माना जाता है कि प्रदोष काल के समय भगवान शिव कैलाश पर्वत पर नृत्य करते हैं. शिव मंदिरों में शाम के समय प्रदोष का पूजन किया जाता है. किसी दिन का प्रदोष काल सूर्यास्त के 45 मिनट पहले से सूर्यास्त के 45 मिनट बाद तक रहता है.
प्रदोष व्रत के पीछे एक कथा है कि एक बार चंद्रमा क्षय रोग हो गया था, इसके कारण उन्हें बेहद अधिक कष्ट था. इसके निवारण के लिए उन्होंने माह की त्रयोदशी तिथि को शाम के समय भगवान भोलेनाथ का पूजन किया. भगवान भोलेनाथ के पूजन से वे रोगमुक्त हो गए. इस कारण त्रयोदशी के दिन इस व्रत को रखा जाता है. इस व्रत की महिमा स्कंद पुराण में भी वर्णित है.
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