Varalakshmi Vrat 2023 : वरलक्ष्मी व्रत का अनुष्ठान देगा आपको अभय वरदान, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

Varalakshmi Vrat: वरलक्ष्मी का व्रत मां लक्ष्मी को समर्पित है, ऐसा माना जाता है कि इस व्रत का अनुष्ठान करने वालों पर मां की असीम कृपा होती है.

नई दिल्ली: वरलक्ष्मी (Varalakshmi Vrat 2023) व्रत को हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान माना गया है, इस अनुष्ठान को दुनिया भर में भक्तों द्वारा उत्साह के साथ मनाया जाता है. ये खास दिन मां लक्ष्मी को समर्पित है, ऐसा माना जाता है कि इस व्रत का अनुष्ठान करने वालों पर मां की असीम कृपा होती है. वो अपने भक्तों को धन, समृद्धि और खुशहाली प्रदान करती है. आमतौर पर श्रावण महीने के दूसरे शुक्रवार को पड़ने वाला ये त्योहार बहुत महत्व रखता है.

प्रातः पूजा मुहूर्त (सिंह लग्न) - 25 अगस्त 2023 - प्रातः 05:55 से प्रातः 07:40 तक

दोपहर पूजा मुहूर्त (वृश्चिक लग्न) - 25 अगस्त 2023 - दोपहर 12:14 बजे से 02:32 बजे तक

संध्या पूजा मुहूर्त (कुंभ लग्न) - 25 अगस्त 2023 - शाम 06:19 बजे से शाम 07:48 बजे तक

मध्यरात्रि पूजा मुहूर्त (वृषभ लग्न) - 26 अगस्त, 2023 - रात्रि 10:50 बजे से 12:46 बजे तक


पूजा मंत्र

या श्री: स्वयं सुकृतिनां भवनेष्वलक्ष्मी:

पापात्मनां कृतधियां हृदयेषु बुद्धि:।

श्रद्धा सतां कुलजनप्रभवस्य लज्जा

तां त्वां नता: स्म परिपालय देवि विश्वम्॥

व्रत पूजा विधि

दिन की शुरुआत महिलाओं द्वारा जल्दी उठने के साथ होती है. सबसे पहले पूजा कक्ष को शुद्ध करें. उसके बाद मां के लिए एक चौकी तैयार करें. उस चौकी पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके देवी लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें. 

उसके बाद माता रानी की विधि विधान के साथ पूजा करें. माता को खीर का भोग लगाएं और देशी घी का दिया जलाकर पूजा करें. साथ ही आम के पत्तों और नारियल से सजा हुआ एक कलश भी विराजमान करें. इस कलश का पूजा में खास महत्व होता है.

पूजा की शुरुआत भगवान गणेश की मूर्ति को शामिल करने से होती है. दीपक जलाने और भगवान गणेश की पूजा करने के बाद, व्रत कथा के पाठ के साथ पूजा को  आगे बढ़ाएं. आशीर्वाद और क्षमा मांगते हुए नारियल तोड़कर परिवार के सदस्यों को प्रसाद बांटकर पूजा का समापन करें. 

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