'नाक रगड़ें, माफी मांगें...', राधा रानी पर ऐसा क्या बोले थे कथावाचक प्रदीप मिश्रा? संतों की महापंचायत ने सुना दी सजा

Radha Rani Controversy: बरसाने की राधा रानी पर विवादित टिप्पणी को लेकर पं. प्रदीप मिश्रा चारों ओर से विरोध का सामना कर रहे हैं. इसको लेकर मथुरा के बरसाने में हुई साधु-संतों, गोस्वामियों और धार्मिक संगठनों की महापंचायत में फैसला लिया गया है कि अगर प्रदीप मिश्रा 3 दिन के भीतर माफी नहीं मांगेंगे तो उनको ब्रज क्षेत्र में घुसने नहीं दिया जाएगा.

social media

Radha Rani Controversy: कथावाचक प्रदीप मिश्रा द्वारा राधारानी पर की गई टिप्पणी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. पहले वृंदावन के संत स्वामी प्रेमानंद महाराज ने उनका विरोध किया था. इसके साथ ही पूरे देश में राधारानी के भक्त उनका विरोध कर रहे हैं. अब इस मामले पर बरसाने में ब्रज के मंदिरों के सेवायतों और साधु-संतों की एक महापंचायत का आयोजन किया गया. श्रीधाम बरसाना के रसमंडप में हुई इस महापंचायत में बड़ी संख्या में साधु-संतों ने भाग लिया. 

इस पंचायत में सभी साधु-संतों, गोस्वामियों और धार्मिक संगठनों ने कहा कि अगर कथावाचक प्रदीप मिश्रा तीन दिन के भीतर क्षमा नहीं मांगेंगे तो उन्हें ब्रज क्षेत्र में घुसने नहीं दिया जएगा. वहीं, दूसरी ओर उज्जैन के महर्षि सांदीपनि के वंशज पंडित रूपम व्यास ने भी प्रदीप मिश्रा को नाक रगड़कर माफी मांगने का अल्टीमेटम दे दिया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर कथावाचक प्रदीप मिश्रा ऐसा नहीं करते हैं तो उज्जैन में उनके आने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा. 

मीडिया के माध्यम से मांगें माफी

महापंचायत की अध्यक्षता कर रहे संत रमेश बाबा ने कहा कि प्रदीप मिश्रा अगर माफी नहीं मांगते हैं तो उनका बड़े स्तर पर विरोध किया जाएगा. वहीं, मृदुल कृष्ण शास्त्री और राम कठोर पांडे ने कहा कि प्रदीप मिश्रा को 3 दिन में राधारानी से क्षमा मांगनी चाहिए और सारे राष्ट्रीय न्यूज चैनल, सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया के जरिए सार्वजनिक माफीनामा देना चाहिए. उनको कहना चाहिए कि उनके अल्पज्ञान के कारण उनसे भगवद अपराध हुआ है. 

क्या है विवाद?

बीते दिनों खड़वा के ओंकारेश्वर में प्रवचन के दौरान कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा था कि 'राधा रानी के पति का नाम अनन्य घोष, उनकी सास कान नाम जटिला और ननद का नाम कुटिला था. राधा रानी का विवाह छाता में हुआ था और राधारानी जी बरसाने की नहीं रावल की रहने वाली थीं. बरसाने में राधारानी के पिता की कचहरी थी. जहां पर वे सालभर में एक बार आती थीं.' पंडित प्रदीप मिश्रा के इस बयान पर जमकर बवाल मच गया था. 

स्वामी प्रेमानंद महाराज ने भी की टिप्पणी

पंडित प्रदीप मिश्रा के इस बयान पर प्रेमानंद महारज ने भी नाराजगी जताई थी. उन्होंने पंडित प्रदीप मिश्रा के लिए कहा था कि 'कभी बरसाना गए हो, कभी देखे हो.'प्रेमानंद महाराज ने एक वीडियो के माध्यम से पूछा था कि तुम क्या जानते हो और तुम कितने ग्रंथ पढ़े हो. तुम सिर्फ चापलूसी वाले संसार को ही रिझा सकते हो. राधारानी के विषय में ऐसा मत बोलो. उनकी शक्ति नहीं जानते हो. इसके साथ ही महाराज जी ने कहा था कि राधारानी भोली हैं, लेकिन उनके सेवक काल हैं. 

प्रदीप मिश्रा ने कही ये बात 

इस विवादित टिप्पणी के बाद से ही पं. प्रदीप मिश्रा विवादों के घेरे में आ गए थे. वहीं, विवाद के बाद पं. प्रदीप मिश्रा ने अपनी सफाई में कहा कि उन्होंने जो भी बोला है, वह शास्त्रों के अनुसार बोला है. उन्होंने कहा कि जिस-जिस को प्रमाण चाहिए वे कुबेरेश्वर धाम आ सकते हैं. उन्होंने आरोप भी लगाया कि राधारानी की आड़ में उनको बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. 

जमकर हो रहा है विरोध

इस टिप्पणी के बाद से ही पं.प्रदीप मिश्रा का जमकर विरोध हो रहा है. कई जगहों पर उनके पोस्टर्स पर कालिख पोती गई है. इसके साथ ही पोस्टर्स में आग भी लगाई गई है. वहीं, उज्जैन में उनका पुतला भी दहन किया गया है.