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Ayodhya Ke Ram : राजा राम के स्वागत के लिए अयोध्या तैयार, गर्भगृह में होगा प्रभु के इस स्वरूप का दीदार

Ayodhya Ke Ram : अयोध्या नगरी में राजा राम का मंदिर बनकर लगभग तैयार हो चुका है. मंदिर के गर्भगृह में प्रभु के एक खास स्वरूप को रखा जा रहा है. जिसका दीदार करने के लिए भक्त काफी उत्सुक हैं. प्रभु का यह स्वरूप अनुपम और अतुल्नीय है. 

Mohit Tiwari

Ayodhya Ke Ram : जगत के राम अपनी नगरी अयोध्या में विराजमान होने जा रहे हैं. अयोध्यावासियों के लिए उनके और दुनिया के लिए जगत के पालनहार प्रभु श्रीराम बस कुछ दिन बाद अपनी जन्मस्थली में विराजमान हो जाएंगे. इसको लेकर अयोध्या में तैयारियां जोरों पर हैं. 22 जनवरी को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम रखा गया है. इसके साथ ही प्रभु श्रीराम वहां विराजमान हो जाएंगे. इस कार्यक्रम में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत करीब 7000 लोगों को आमंत्रित किया गया है. इसके साथ ही सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. 

अद्भुत है गर्भगृह

मंदिर का गर्भगृह बनकर लगभग तैयार हो चुका है. प्राण प्रतिष्ठा से पहले कई तरीके के पूजा-पाठ और अनुष्ठान शुरु हो जाएंगे. ऐसे में कुछ दिन पहले श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने मंदिर के गर्भगृह की फोटो सोशल मीडिया पर साझा की थीं. इन तस्वीरों गर्भगृह का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है. इसमें भव्य गर्भगृह की दीवारों और गुंबद पर खूबसूरत नक्काशी नजर आ रही है. इससे मंदिर की खूबसूरती दोगुनी हो रही है. 

गर्भगृह में होंगे प्रभु के इस दिव्य स्वरूप के दर्शन

रामलला के मंदिर में गर्भगृह के अंदर उनके 5 वर्ष की बाल स्वरूप की मूर्ति को स्थापित किया जाएगा. इसके लिए मूर्ति का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है. इसके लिए तीन मूर्तियां बनावायी गई थीं. इसमें से दो कर्नाटक और एक राजस्थान से लाए गए पत्थर से बनाई गई है. चंपत राय ने कहा है कि भगवान राम की 51 इंच ऊंची मूर्ति में 5 साल के रामलला को प्रतिबिंबित किया गया है. 

15 जनवरी को विराजमान होंगे रामलला

22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम है, लेकिन इसके पहले कई सारे पूजा-पाठों की शुरुआत कर दी जाएगी. 15 जनवरी को रामलला के विग्रह (रामलला के बाल स्वरूप की मूर्ति) को गर्भग्रह में स्थापित किया जाएगा. इसके बाद 16 जनवरी से विग्रह के अधिवास का भी अनुष्ठान शुरू हो जाएगा.

यह प्राण प्रतिष्ठा का पहला कार्यक्रम होगा. इसके बार 17 जनवरी तो रामलला के विग्रह को नगर भ्रमण के लिए निकाला जाएगा. 18 जनवरी से प्राण प्रतिष्ठी का विधि-विधान से शुरू की जाएगी. 19 जनवरी को यज्ञ अग्नि की स्थापना की जाएगी. 20 जनवरी को गर्भगृह को 81 कलश सरयू के जल से धोने के बाद वास्तु पूजा होगी. 21 जनवरी को रामलला को तीर्थों के 125 कलशों के जलों से स्नान कराया जाएगा. आखिर में 22 जनवरी को मध्याह्न मृगशिरा नक्षत्र में रामलला की प्राणप्रतिष्ठा होगी. 

इतने सेकेंड का रहेगा मूहुर्त

22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के लिए महज 84 सेकेंड का अति सूक्ष्म मुहूर्त होगा. इस शुभ मुहूर्त में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने इस मुहूर्त का चुनाव किया है. यह मात्र 84 सेकेंड का होगा, जो 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकेंड से 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकेंड तक रहेगा.  

अभी निर्माणाधीन है मंदिर

चंपत राय के अनुसार 22 जनवरी को प्राणप्रतिष्ठा के बाद भी निर्माण कार्य चलता रहेगा. इसमें लगभग 6 से 8 माह और लग सकते हैं.