Madhya Pradesh News: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बीते शुक्रवार को एक समीक्षा बैठक की. इस बैठक में उन्होंने राम वनगमन पथ की तर्ज पर भगवान श्रीकृष्ण के पथ का निर्माण कराने के लिए निर्देश दिए. इस दौरान सीएम मोहन यादव ने कहा कि भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं के स्थलों को सरकार तीर्थ स्थलों के रूप में विकसित कराएगी. इस बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में भगवान श्रीराम और भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े स्थलों के विकास के लिए कार्ययोजना सरकार द्वारा तैयार की गई है.
संस्कृति विभाग को इसके तहत निर्देश भी जारी किए गए हैं. मध्यप्रदेश सरकार भगवान श्रीकृष्ण की यात्राओं से संबंधित स्थानों को तीर्थस्थल बनाने का काम करने जा रही है. इस क्रम में उज्जैन में भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा, जानापाव में भगवान परशुराम द्वारा सुदर्शन चक्र का दिया जाना, धार के पास अमझेरा में रुकमिणी के हरण का स्थान आदि जगहों को सरकार चिह्नित करके विकसित कराएगी. इसके साथ ही सरकार भगवान श्रीराम के चित्रकूट यात्रा के और लंका विजय के बाद अयोध्या वापसी के मार्ग को भी चिह्नित करके तीर्थस्थल के रूप में विकसित करेगी.
मध्यप्रदेश के सीएम ने कहा कि चित्रकूट धाम में जहां पर भगवान श्रीराम ने 11 वर्ष व्यतीत किये थे. उस जगह को वहां के प्राधिकरण की सक्रियता के आधार पर कलेक्टर को कार्यभार संभालने के निर्देश दिए जा चुके हैं. उस स्थान पर विभिन्न स्थानीय व ग्रामीण निकायों और अन्य विभागों को एक साथ लाकर एकीकृत योजना बनाकर चित्रकूट धाम में भगवान श्रीराम के स्थान को दर्शनीय बनाने का काम शुरू कर दिया गया है. मध्यप्रदेश में भगवान श्रीराम वनवास के समय पर रुके थे.
इस कारण इन जगहों को विकसित किया जा रहा है. इसी प्रकार पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यहां के जानपाव में भगवान परशुराम ने भगवान श्रीकृष्ण को सुदर्शन चक्र दिया था. धार के पास अमझेरा में भगवान श्रीकृष्ण का रुक्मिणी हरण को लेकर युद्ध हुआ था. इसी प्रकार भगवान श्रीकृष्ण ने उज्जैन में शिक्षा प्राप्त की थी. इस कारण इन जगहों को विकसित किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि भगवान श्रीकृष्ण और भगवान श्रीराम के नाम पर भोपाल के प्रवेश द्वार को बनाया जाए. इसके साथ ही राजाभोज और राजा विक्रमादित्य के नाम पर भी प्रवेश द्वार बनाने की कार्ययोजना विकसित की जाए.