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Navratri 5th Day: मां स्कंदमाता की पूजा क्यों की जाती है? जानें महत्व, विधि और प्रिय भोग

Maa Skandamata: आज यानी 7 अक्टूबर को नवरात्रि का पांचवा दिन है. नवरात्रि के पांचवे दिन मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है. मां स्कंदमाता अपने भक्तों के सभी कार्यों को सिद्ध करती हैं और नकारात्मक शक्तियों का नाश करती हैं. इए जानते हैं शारदीय नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा कैसे करें.

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Edited By: India Daily Live
Maa Skandamata
Courtesy: Pinterest

Shardiya Navratri 5th Day: आज यानी 7 अक्टूबर को नवरात्रि का पांचवा दिन है. नवरात्रि के पांचवे दिन मां दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है. मां स्कंदमाता अपने भक्तों के सभी कार्यों को सिद्ध करती हैं और नकारात्मक शक्तियों का नाश करती हैं. उनकी पूजा से न केवल संतान सुख की प्राप्ति होती है बल्कि व्यक्ति को सभी दुख-दर्दों से भी मुक्ति मिलती है. आइए जानते हैं शारदीय नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा कैसे करें.

मां स्कंदमाता भगवान शिव की अर्धांगिनी हैं और उन्होंने भगवान कार्तिकेय को जन्म दिया था. मां की चार भुजाएं हैं और वे भगवान कार्तिकेय को अपनी गोद में लेकर शेर पर सवार होती हैं. पूजा के दौरान मां के हाथों में कमल होना आवश्यक है और उन्हें धनुष बाण अर्पित किया जाना चाहिए.

मां स्कंदमाता को प्रिय भोग

मां स्कंदमाता को पीले रंग की वस्तुएं विशेष रूप से प्रिय होती हैं. उन्हें केले, पीले फूल और फल अर्पित करने चाहिए. इसके अलावा, केसर की खीर और हरी इलायची का भोग भी लगाना चाहिए.

पूजा विधि

  • सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें.
  • लकड़ी की चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और स्कंदमाता की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें.
  • मां को पीले फूलों से सजाएं और पीले वस्त्र पहनाएं. फिर उनका ध्यान करते हुए उनके मंत्र का 108 बार जप करें.
  • पाठ करने के बाद मां की आरती करें और सभी को प्रसाद वितरित करें. अंत में, मां के सामने अपनी मनोकामना व्यक्त करें

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.