Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि के चौथे दिन करें मां कुष्मांडा की पूजा, यहां पढ़ें पूजा विधि और महत्व
Maa Kushmanda Puja: आज नवरात्रि का चौथा दिन है और मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना की जाती है. मां कुष्मांडा को ब्रह्मांड की आदिशक्ति के रूप में पहचाना जाता है. मां कुष्मांडा को उग्र स्वरूप वाली देवी के रूप में पूजा जाता है. आइए जानते हैं मां कुष्मांडा की पूजा विधि और महत्व.
Shardiya Navratri 4th Day: हिंदू धर्म में नवरात्रि के नौ दिन शक्ति की साधना के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माने जाते हैं. यह मान्यता है कि सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्तों की मां दुर्गा सभी मनोकामना पूरी करती हैं. इसके साथ उनका आशीर्वाद बना रहता है. इस वर्ष शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व 3 अक्टूबर 2024 से 12 अक्टूबर 2024 तक मनाया जा रहा है. आज नवरात्रि का चौथा दिन है. इस दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं मां कुष्मांडा की पूजा विधि.
आज नवरात्रि का चौथा दिन है और मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना की जाती है. मां कुष्मांडा को ब्रह्मांड की आदिशक्ति के रूप में पहचाना जाता है. मां कुष्मांडा को उग्र स्वरूप वाली देवी के रूप में पूजा जाता है. मां के आठ हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल, अमृत कलश, चक्र, गदा और माला होती है, और इनका वाहन सिंह है. मां कुष्मांडा का निवास सूर्य मंडल के भीतर है और इनके पास जप की माला है, जो श्रद्धा और सिद्धियों का प्रतीक है,
पूजा विधि
नवरात्रि के चौथे दिन सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. मां कुष्मांडा को पीला रंग प्रिय है, इसलिए पूजा करते समय पीले रंग के कपड़े पहनें. मां को चंदन, कुमकुम, मौली, और अक्षत अर्पित करें. फिर पान के पत्ते पर थोड़ा सा केसर लेकर "ऊँ बृं बृहस्पते नमः" मंत्र का जाप करते हुए देवी को अर्पित करें. शास्त्रों के अनुसार, मां कुष्मांडा को मालपुए का भोग प्रिय है, इसलिए उन्हें मालपुए का भोग लगाएं. पूजा के दौरान दुर्गा सप्तशती या सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से देवी की कृपा प्राप्त होती है.
पूजा के लाभ
कुष्मांडा माता की पूजा से बुद्धि में वृद्धि होती है और जीवन में सकारात्मकता आती है. इस नवरात्रि, मां कुष्मांडा की कृपा से आप भी अपने जीवन में सुख और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं.
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