Shardiya Navratri 2024: नवरात्रि के नौ दिन माता रानी को लगाएं इन चीजों का भोग, घर में होगा सुख-समृद्धी का वास!

Navratri 2024 Bhog: नवरात्रि के पहले दिन से लेकर आखरी दिन तक तक माता का मनपसंद भोग चढ़ाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि सच्चे मन से पूजा अर्चना करने से हर समस्या का अंत होता है और मनोकामना की पूर्ति होती है. आइए जानते हैं मां दुर्गा को किस दिन कौन सा भोग लगाना चाहिए. 

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Shardiya Navaratri 2024: आज यानी 3 अक्टूबर 2024 को पूरा देशा धूमधाम से शारदीय नवरात्रि का त्योहार मना रहे हैं. इस पवित्र अवसर पर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा और व्रत का आयोजन किया जाता है. हर दिन का विशेष महत्व होता है और प्रत्येक दिन मां को भोग अर्पित करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. जिस तरह से 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है उसी तरह  9 दिनों में माता का अलग-अलग भोग लगाया जाता है. 

नवरात्रि के पहले दिन से लेकर आखरी दिन तक तक माता का मनपसंद भोग चढ़ाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि सच्चे मन से पूजा अर्चना करने से हर समस्या का अंत होता है और मनोकामना की पूर्ति होती है. आइए जानते हैं मां दुर्गा को किस दिन कौन सा भोग लगाना चाहिए. 

पहले दिन का भोग

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इस दिन गाय के घी या घी से बने पदार्थों का भोग अर्पित करें. ऐसा करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है. 

दूसरे दिन का भोग

दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है. इस दिन शक्कर का भोग अर्पित करने से भक्त में संयम, तप और सदाचार का विकास होता है जिससे आयु में वृद्धि होती है. 

तीसरे दिन का भोग

तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. दूध, खीर या दूध से बने पदार्थों का भोग अर्पित करने से धन, वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है. 

चौथे दिन का भोग

चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है. इस दिन मालपुए का भोग लगाएं. इससे यश, बुद्धि और निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती है. 

पांचवें दिन का भोग

पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है. केले का भोग अर्पित करने से भक्त को सांसारिक सुखों का अनुभव होता है और अंत में मोक्ष की प्राप्ति होती है.

छठे दिन का भोग

छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. शहद का भोग लगाने से भक्त को सभी सुखों की प्राप्ति होती है और दुख-दर्द से मुक्ति मिलती है.

सातवें दिन का भोग

सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा होती है. गुड़ का नैवेध अर्पित करने से सभी प्रकार के संकट और भय दूर होते हैं.

आठवें दिन का भोग

आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती है. नारियल का भोग लगाने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और परिवार में सुख-शांति बनी रहती है. ऐसे में आप नारियल से बना भोग चढ़ा सकता हैं. 

नौवें दिन का भोग

नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है. हलवा-पूड़ी और खीर का भोग अर्पित करके कंजक पूजन करने से सभी प्रकार की अनहोनी दूर होती है और ऋद्धि-सिद्धि प्राप्त होती है. इन नौ दिनों में मां दुर्गा को भोग लगाकर और प्रसाद बांटकर भक्त अपने जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति कर सकते हैं. 

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.