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Ramadan 2025: क्या है तरावीह, सिर्फ रमजान के पाक महीने में क्यों पढ़ी जाती है ये खास नमाज?

Ramadan 2025: रमजान की शुरूआत भारत में 2 मार्च से हो चुकी है. दुनिया भर के मुसलमान इस खान नमाज की तैयारी करेंगे. यह आध्यात्मिक विकास, क्षमा मांगने और अल्लाह के करीब आने में मदद करता है

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Edited By: Princy Sharma
Ramadan 2025
Courtesy: Pinterest

Ramadan 2025: रमजान 2025 भारत में 2 मार्च और सऊदी अरब में 1 मार्च से शुरू हो चुका है. रमजान कब शुरू होगा यह अर्धचंद्राकार चांद के दिखने पर निर्भर करता है. यह पवित्र महीना रोजा प्रार्थना और आध्यात्मिक विकास का समय माना जाता है. रमजान के दौरान ही की जाने वाली एक खास नमाज होती है जिसे तरावीह कहा जाता है. 

तरावीह एक रात की नमाज होती है. जो दिन की आखिरी नमाज मानी जाती है. इसे रमजान के महीने में ईशा के बाद पढ़ी जाता है,.  'तरावीह' शब्द का अर्थ है 'आराम करना.' तरावीह करना जरूरी नहीं होती है लेकिन यह रमजान के दौरान इबादत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. मुसलमान मस्जिदों में तरावीह की नमाज पढ़ने के लिए इकट्ठा होते हैं, कुरान की तिलावत सुनते हैं.

तरावीह का इतिहास 

तरावीह का इतिहास पैगंबर मोहम्मद के समय में नमाज शुरू हुई थी. शुरुआत में, उन्होंने इसे सामूहिक रूप से पढ़ा, लेकिन बाद में, उन्होंने इसे घर पर ही पढ़ना शुरू किया ताकि यह जरूरी न हो जाए. खलीफा उमर इब्न खत्ताब के शासन के दौरान, तरावीह का नेतृत्व मस्जिदों में एक इमाम द्वारा किया जाता था, जिससे यह अधिक संगठित हो गया. पहले यह आठ रकात (rakats) थी लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर 20 कर दिया गया. खलीफा उमर बिन अब्दुलअजीज के समय मदीना जैसी कुछ जगहों पर 36 रकात पढ़ी जाती थीं.

तरावीह कैसे की जाती है? 

तरावीह में दो-दो रकात का एक पार्ट होता है. कई मस्जिदों में इस महीने के दौरान पूरी कुरान पढ़ी जाती है. हालांकि यह अनिवार्य नहीं है, लेकिन कई मुसलमान इसे रमजान में अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाते हैं. जैसे ही रमजान 2025 शुरू होगा, दुनिया भर के मुसलमान इस विशेष नमाज की तैयारी करेंगे. यह आध्यात्मिक विकास, क्षमा मांगने और अल्लाह के करीब आने में मदद करता है. अर्धचंद्राकार चांद दिखने से इस पवित्र महीने की शुरुआत होगी, जो हर रात आस्थावानों को नमाज के लिए एक साथ लाएगा.

यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.