सावन में किस दिन कराना चाहिए रुद्राभिषेक, जानिए कब प्रसन्न होते हैं भगवान शिव? 

Sawan 2024: सावन के महीने के शुरुआत हो चुकी है. यह महीना बेहद ही पवित्र और पावन होता है. सावन में रुद्राभिषेक कराना काफी फायदेमंद होता है. माना जाता है कि सावन में रुद्राभिषेक करने से हर मनोकामना पूरी होती है. काफी लोग सावन में बिना किसी तिथि पर विचार किए ही रुद्राभिषेक करा लेते हैं. जो कि सही नहीं है. रुद्राभिषेक हमेशा तिथि देखकर और किसी योग्य ब्राह्मण से ही कराना चाहिए. 

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Sawan 2024: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित होता है. सावन के महीने में किया गया भगवान भोलेनाथ का पूजन हर दुख और कष्ट से मुक्ति दिलाता है. माना जाता है कि शिव वास तिथि में रुद्राभिषेक करना काफी शुभ होता है. भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोग रुद्राभिषेक कराते हैं. रुद्राभिषेक आप किसी भी दिन नहीं करा सकते हैं. रुद्राभिषेक कराने के लिए आपको सही और शुभ तिथि को ज्ञात करना आवश्यक है. इसके लिए आप किसी योग्य ब्राह्मण से सलाह ले सकते हैं. 

रुद्राभिषेक कराने के लिए शिव वास और चंद्रमा की स्थिति देखना अति आवश्यक होता है. जिन तिथियों में शिव का वास शुभफलदायी होता है, उनमें ही आपको रुद्राभिषेक कराना चाहिए. कुछ ऐसी तिथियां भी होती है, जिनमें आपको रुद्राभिषेक नहीं करना चाहिए. आइए जानते हैं कि कौन सी तिथियों में रुद्राभिषेक कराना चाहिए और कौन सी तिथियों में रुद्राभिषेक नहीं कराना चाहिए. 

इन तिथियों में कराना चाहिए रुद्राभिषेक

हर महीने में दो पक्ष होते हैं, इनमें से एक कृष्ण पक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष होता है. कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा, अष्टमी, अमावस्या और शुक्लपक्ष की द्वितीया, नवमी के दिन भगवान शिव माता गौरी के साथ निवास करते हैं. इन तिथियों में रुद्राभिषेक कराना बेहद ही शुभ होता है. इसके साथ ही शुक्ल पक्ष की द्वितीया, नवमी, कृष्ण पक्ष की अमावस्या और चतुर्थी व एकादशी , पंचमी, द्वादशी पर भी भगवान शिव कैलाश में निवास करते हैं. इस कारण से इन तिथियों को रुद्राभिषेक के लिए सर्वोत्तम माना जाता है. इन तिथियों पर महादेव नंदी पर सवार होकर पृथ्वी का भ्रमण करते हैं. 

इन दिनों में नहीं करना चाहिए रुद्राभिषेक

कृष्ण पक्ष की सप्तमी, चतुर्दशी, शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा, अष्टमी, पूर्णिमा में भगवान शिव शमशान में समाधि लगाकर रहते हैं. इस कारण इन तिथि यों में रुद्राभिषेक नहीं करना चाहिए. कृष्णपक्ष की तृतीया, दशमी व शुक्लपक्ष की चतुर्थी व एकादशी सदाशिव क्रीड़ारत रहते हैं. इस कारण कृष्णपक्ष की षष्ठी, त्रयोदशी व शुक्लपक्ष की सप्तमी और चतुर्दशी में रुद्रदेव भोजन करते हैं. इन तिथियों में आपको अभिषेक नहीं करना चाहिए.

सावन 2024 के कृष्ण पक्ष के इस दिनों में कराएं रुद्राभिषेक

22 जुलाई- सोमवार, प्रतिपदा तिथि, शिववास
25 जुलाई- गुरुवार, चतुर्थी, शिववास
26 शुक्रवार- पंचमी, शिववास
28 जुलाई- रविवार, अष्टमी, शिववास
29 जुलाई- सोमवार, नवमी, शुभवार
31 जुलाई- बुधवार, एकादशी, शिववास
1 अगस्त- गुरुवार प्रदोष, शिववास
2 अगस्त- शुक्रवार मास शिवरात्रि, शुभयोग
4 अगस्त - रविवार अमावस्या, शिववास

सावन 2024 के शुक्ल पक्ष के इन दिनों में कराएं रुद्राभिषेक 

5 अगस्त- सोमवार, प्रतिपदा, शुभवार
6 अगस्त- मंगलवार , द्वितीया, शिववास
7 अगस्त- बुधवार हरियाली तीज, शुभपर्व
9 अगस्त- शुक्रवार, नाग पंचमी, शिववास
10  अगस्त, शनिवार, षष्ठी, शिववास
12 अगस्त- सोमवार, अष्टमी, शुभवार
13 अगस्त- मंगलवार, नवमी, शिववास
16 अगस्त- शुक्रवार, द्वादशी, शिववास
17 अगस्त- शनिवार प्रदोष, शिववास
19 अगस्त- सोमवार, पूर्णिमा, शुभवार

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.