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Mauni Amavasya 2025: क्या है मौनी अमावस्या जिस दिन महाकुंभ में स्नान करने पहुंचे करोड़ों श्रद्धालु, जानें शाही स्नान का मुहूर्त

मौनी अमावस्या का दिन न केवल आत्मचिंतन और मौन व्रत के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पवित्र स्नान, तर्पण और दान का भी दिन होता है. इस दिन के खास शाही स्नान और शुभ संयोगों का पालन करने से व्यक्ति को शांति, सुख और समृद्धि प्राप्त होती है.

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Edited By: Babli Rautela
Mauni Amavasya 2025
Courtesy: Social Media

Mauni Amavasya 2025: मौनी अमावस्या, जो इस साल आज यानी 29 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी, हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है. इसे माघ अमावस्या भी कहा जाता है और यह खास दिन मौन व्रत, आत्मचिंतन और पवित्रता से जुड़ा होता है. इस दिन का विशेष महत्व है, और लोग इस दिन खास तौर पर नदियों में स्नान करके दान करते हैं और पितरों का तर्पण करते हैं. आइए जानते हैं मौनी अमावस्या के महत्व और शाही स्नान के बारे में विस्तार से.

मौनी अमावस्या का महत्व

मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखने का विशेष महत्व है. 'मौनी' शब्द का अर्थ है 'मौन', यानी चुप रहना. इस दिन का उद्देश्य आत्मचिंतन और भगवान की भक्ति में खो जाने का होता है. इस दिन मौन रहने से मानसिक शांति मिलती है और व्यक्ति अपने अंदर की शक्ति को महसूस करता है. हिंदू धर्म के अनुसार, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है, खासकर प्रयागराज के संगम में. यह दिन पितरों के तर्पण और दान के लिए भी विशेष होता है, क्योंकि इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

इसके अलावा, इस दिन दान और पुण्य का भी महत्व होता है. अन्न, वस्त्र, धन और दूसरी जरुरतों के लिए दान करना पुण्य दायक माना जाता है. इसे जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति और आत्मिक शांति के रूप में देखा जाता है.

क्यों खास है मौनी अमावस्या?

आध्यात्मिक शुद्धि: इस दिन मौन रहकर व्यक्ति मानसिक शांति प्राप्त करता है और आत्मचिंतन करने का अवसर मिलता है.
पवित्र स्नान: गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. खासकर प्रयागराज के संगम में स्नान का महत्व अधिक है.
दान और पुण्य: इस दिन दान-पुण्य करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है. यह दिन जरूरतमंदों की सहायता करने और अपने कर्मों को शुद्ध करने का है.
ध्यान और योग: यह दिन ध्यान, साधना और योग के लिए भी अत्यधिक शुभ है. इस दिन व्यक्ति अपनी साधना को और मजबूत कर सकता है.

मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ का तीसरा शाही स्नान भी होगा. इस दिन का शाही स्नान विशेष रूप से कल्याणकारी और पवित्र माना जाता है. इस दिन विशेष ज्योतिषीय संयोग बन रहे हैं, जैसे कि चंद्रमा, सूर्य और बुध मकर राशि में त्रिवेणी संयोग बनाएंगे. इन शुभ संयोगों के बीच, जब साधक पवित्र नदी में आस्था की डुबकी लगाएगा, तो उसकी सारी परेशानियां और पाप नष्ट हो जाएंगे, और उसकी आत्मा शुद्ध हो जाएगी.

शाही स्नान का मुहूर्त

मौनी अमावस्या के दिन शाही स्नान के लिए दो प्रमुख मुहूर्त होंगे:

  • पहला मुहूर्त (ब्रह्म मुहूर्त): 29 जनवरी 2025 को सुबह 05:25 बजे से 06:18 बजे तक.
  • दूसरा मुहूर्त (प्रातः संध्या): 29 जनवरी 2025 को सुबह 05:51 बजे से 07:11 बजे तक.

इन मुहूर्तों के दौरान स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और आत्मिक शांति का अनुभव होता है.