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दान-पुण्य और भक्ति के लिए उत्तम है मार्गशीर्ष का महीना, यमुना नदी में स्नान का विशेष महत्व

Margashirsha month 2023: मार्गशीर्ष का महीना चल रहा है. यह महीना बहुत ही शुभ माना जाता है. यह महीना भगवान कृष्ण की आराधना और दान पुण्य करने के लिए श्रेष्ठ है.

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Edited By: Manish Pandey
Margashirsha month 2023

हाइलाइट्स

  • मार्गशीर्ष का सम्पूर्ण मास धार्मिक दृष्टि से पवित्र
  • यमुना नदी में स्नान का विशेष महत्व माना जाता है

Margashirsha month 2023: मार्गशीर्ष मास को हिन्दू पंचांग के अनुसार अगहन मास भी कहा जाता है. यूं तो हर माह की अपनी विशेषताएं है लेकिन मार्गशीर्ष का सम्पूर्ण मास धार्मिक दृष्टि से पवित्र माना जाता है. गीता में स्वयं भगवान ने कहा है. इस पूरे माह लोगों को प्रतिदिन भगवान की पूजा करनी चाहिए. इस मास में यमुना नदी, तालाब या पवित्र कुंड में स्नान करने से पुण्य लाभ होता है.

मार्गशीर्ष महीने में लोगों को प्रतिदिन ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार अगहन के महीने कम से कम तीन दिन तक ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करने से लोगों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यमुना नदी में स्नान का विशेष महत्व माना जाता है.

मार्गशीर्ष महीने में रोज श्रीकृष्ण को पुष्प,ऋतु फल, उत्तम नैवेद्यों, धूप अर्पित करनी चाहिए और फिर आरती करनी चाहिए. आरती करने के बाद भगवान को माखन मिश्री का भोग लगाना चाहिए. अगहन मास में भगवान श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप करना शुभ फलदायी माना जाता है. आप रोज ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप 108 बार कर सकते हैं.

मार्गशीर्ष मास की विशेषताएं

- सतयुग में देवों ने मार्गशीर्ष मास की प्रथम तिथि को ही वर्ष प्रारंभ किया.
- इसी मास में कश्यप ऋषि ने सुन्दर कश्मीर प्रदेश की रचना की. इसी मास में महोत्सवों का आयोजन होना चाहिए. यह अत्यंत शुभ होता है.
-  मार्गशीर्ष की पूर्णिमा को चन्द्रमा की अवश्य ही पूजा की जानी चाहिए, क्योंकि इसी दिन चन्द्रमा को सुधा से सिंचित किया गया था। इस दिन माता, बहन, पुत्री और परिवार की अन्य स्त्रियों को एक-एक जोड़ा वस्त्र प्रदान कर सम्मानित करना चाहिए. इस मास में नृत्य-गीतादि का आयोजन कर उत्सव भी किया जाना चाहिए.
-  मार्गशीर्ष की पूर्णिमा को दत्तात्रेय जयंती मनाई जाती है.
-  मार्गशीर्ष मास में इन 3 पावन पाठ की बहुत महिमा है. 1- विष्णुसहस्त्र नाम, 2- भगवत गीता और 3- गजेन्द्रमोक्ष. इन्हें दिन में 2-3 बार अवश्य पढ़ें.
- इस मास में श्रीमद भागवत ग्रन्थ को देखने भर की विशेष महिमा है.
- स्कन्द पुराण में लिखा है- घर में अगर भागवत हो तो अगहन मास में दिन में एक बार उसको प्रणाम करना चाहिए.
-  इस मास में अपने गुरु को, इष्ट को ॐ दामोदराय नमः कहते हुए प्रणाम करने से जीवन के अवरोध समाप्त होते हैं.
- इस माह में शंख में तीर्थ का पानी भरें और घर में जो पूजा का स्थान है उसमें भगवान के ऊपर से शंख मंत्र बोलते हुए घुमाएं, बाद में यह जल घर की दीवारों पर छीटें. इससे घर में शुद्धि बढ़ती है, शांति आती है, क्लेश दूर होते हैं.
-  अगहन मास को मार्गशीर्ष कहने के पीछे भी कई तर्क हैं. भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अनेक स्वरूपों में व अनेक नामों से की जाती है. इन्हीं स्वरूपों में से एक मार्गशीर्ष भी श्रीकृष्ण का रूप है.