हिंदू धर्म में प्रकृति की पूजा का महत्व आदि काल से है. पेड़-पौधों की पूजा करने के महत्व के बारे में शास्त्रों में भी बताया गय है. मान्यताओं के अनुसार, पेड़-पौधों की पूजा करने से शुभ लाभ की प्राप्ति होती है. यदि शास्त्रों के अनुसार पेड़ों की पूजा की जाए तो कुंडली में ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है, जिससे जीवन में आये संकटों का समाधान होता है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में 9 ग्रह और 27 नक्षत्र हैं. अगर इनमें से कोई एक ग्रह भी नाराज होता है या फिर अशुभ स्थिति में होता है, तो व्यक्ति के जीवन में कष्ट ही कष्ट होते हैं. ऐसे में नवग्रहों की दशा सुधारने के लिए शास्त्र कुछ पेड़-पौधों को बताया गया है. जो ग्रह दोष दूर करते हैं, साथ ही, व्यक्ति का भाग्य भी चमक उठता है.
सूर्य ग्रह
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मदार के पौधे का संबंध सूर्य से है. इसे आक का पौधा भी कहा जाता है. शास्त्रों के अनुसार इस पौधे की पूजा करने से व्यक्ति का बौद्धिक विकास होता है. कुंडली में सूर्य की स्थिति अनुकूल करने के लिए रविवार के दिन पूजा करना चाहिए है. मंदार की पूजा करने से सूर्य का तेज प्राप्त होता है. कुंडली में अगर सूर्य की स्थिति कमजोर है तो पीपल और आम के पेड़ की पूजा से सूर्य कुंडली में मजबूत होता है. लेकिन रविवार के दिन पीपल की पूजा नहीं करनी चाहिए.
चंद्र ग्रह
अगर कुंडली में चंद्रमा कमजोर स्थिति में हैं तो आपको नीम, बरगद की पूजा करनी चाहिए। इससे चंद्रमा की स्थिति कुंडली में मजबूत होती है और मानसिक रोग भी दूर होते है. पलाश का पौधा चंद्र ग्रह से संबंधित है. चंद्र को मन का कारक माना गया है. कहते हैं कि इस पौधे की पूजा करने से मन को शांत किया जा सकता है. साथ ही, व्यक्ति को मानसिक रोग से भी छुटकारा मिलता है. इस पौधे की पत्तियों की पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है. अगर कुंडली में चंद्र दोष हो तो घर के बीचो-बीच आंगन में हरसिंगार का पौधा लगाना चाहएि. इस पौधे को घर के बीचों-बीच या पिछले हिस्से में लगाने से आर्थिक संपन्नता प्राप्त होती है. लेकिन इसकी देखभाल में लापरवाही न बरतें क्योंकि इस पौधे के सूख जाने से मन-मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
मंगल ग्रह
खैर का पौधा मंगल ग्रह से संबंधित है. इसे कत्था के नाम से भी जाना जाता है. कहते हैं कि इस पौधे की नियमित पूजा करने से रक्त विकार और स्किन संबंधी रोग दूर होते हैं. व्यक्ति की मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है. ज्योतिष शास्त्र अनुसार मंगल ग्रह को शांत करने करने लिए इस पौधे की पूजा शुभ फलदायी साबित होती है. गुलमोहर की पूजा करने से मान सम्मान में वृद्धि होती है और त्वचा रोग समाप्त होते हैं. कुंडली में मंगल की स्थिति भी मजबूत होती है. ऐसे में वाद विवाद कम होते हैं और समाज में अच्छी छवि बनती है. अगर आपकी कुंडली में मंगल की स्थिति कमजोर है, तो उसे मजबूत करने के लिए गुलमोहर और गेंहू के पौधे की पूजा करें. इससे सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी और त्वच रोगों से भी छुटकारा मिल सकता है.
बुध ग्रह
कुंडली में बुध ग्रह की खराब स्थिति को सुधारने के लिए अपामार्ग पौधे की पूजा करनी चाहिए. कुंडली में बुध की खराब स्थिति व्यक्ति की शारीरिक परेशानियों को बढ़ाती है. ऐसे में अपामार्ग पौधे की पूजा से कुंडली में बुध ग्रह शांत होता है.कुंडली में जिन लोगों का बुध कमजोर होता है. वे शारीरिक परेशानियों का सामना करते हैं. ऐसे में अपामार्ग के पौधे की पूजा करने से बुध ग्रह मजबूत होता है, जिससे स्वास्थ्य लाभ मिलता है. अगर आपकी कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति कमजोर है, तो अपामार्ग के पौधे की पूजा करें. इससे शारीरिक संबंधित परेशानियां दूर हो सकती है.
गुरु ग्रह
कहते हैं कि केले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है. ऐसे में गुरु ग्रह के शुभ फलों के लिए नियमित रूप से पीपल के पेड़ में जल अर्पित करना चाहिए. वहीं, गुरुवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. अगर कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर है तो केले के पौधे, बरगद वृक्ष और बबूल वृक्ष की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से ज्ञान में वृद्धि होती है और तरक्की के मार्ग भी खुल जाते हैं. अगर आपकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह की स्थिति कमजोर है, तो बरगद और बबूल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए. इससे व्यक्ति के तरक्की के सभी मार्ग खूल सकते हैं. अगर कुंडली में बृहस्पति दोष हो तो घर के पिछले हिस्से में केले का पेड़ लगाएं. यह पौधा बृहस्पति देवता का स्वरुप होता है. इसलिए केले का पौधा लगाने से कुंडली में व्याप्त बृहस्पति का दोष भी समाप्त हो जाता है. साथ ही धन संबंधी परेशानियों से भी राहत मिलती है.
शुक्र ग्रह
गुलाब और चंपा के पौधे की पूजा करने से कुंडली में शुक्र मजबूत होता है. शुक्र के मजबूत होने से आय में वृद्धि होती है और घर में सुख शांति का आगमन होता है. अगर आपकी कुंडली में स्थित शुक्र ग्रह की स्थिति कमजोर है, तो चम्पा और गुलाब के पौधे की पूजा करें. इससे मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सकती है और घर की सुख-शांति भी बनी रहती है. अगर कुंडली में शुक्र दोष हो तो घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगाएं. ऐसा करने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. साथ ही घर-परिवार के सभी सदस्यों के जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है. ध्यान रखें जिनका शुक्र ग्रह कमजोर है उन्हें नियमित रूप से शाम को तुलसी के आगे दीप प्रज्वलित करना चाहिए.
शनि ग्रह
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शमी का पौधा शनि ग्रह से संबंधित है. ऐसे में शनिवार के दिन शमी के पौधे में जल अर्पित करने से और पूजा करने से शनि ग्रह की कृपा प्राप्त होती है. साथ ही, जीवन में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं. अगर कुंडली में शनि दोष हो तो घर में शमी का पेड़ लगाना चाहिए. मान्यता है कि शमी में सभी देवताओं का वास होता है और इस पेड़ का संबंध शनि महाराज से भी है। नियमित रूप से शमी के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं. इससे शनिदेव की कृपा बनी रहेगी और बिगड़ते कार्य भी बनने लगते हैं. कुंडली में शनि के दोष समाप्त करने के लिए पीपल वृक्ष, शमी वृक्ष, जामुन और नींबू के पौधे की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से कुंडली में शनि दोष समाप्त होता है और मनचाहे फल की प्राप्ति होती है.