Makar Sankranti 2025: नया साल शुरू होती है हिंदू धर्म के सभी लोग मकर संक्रांति त्योहार का बेसब्री से इंतजार करते हैं. मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाता है. इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है, जिसे उत्तरायण कहा जाता है. इस बदलाव के साथ सर्दी के मौसम में कमी और दिन के बढ़ने की शुरुआत होती है. खासकर उत्तर भारत में इस दिन खिचड़ी खाने की परंपरा है. चलिए जानते हैं आखिर क्यों मकर संक्रांति के दिन लोग खिचड़ी का सेवन करते हैं.
खिचड़ी एक हल्का और पौष्टिक भोजन है, जो दाल, चावल और सब्जियों से बनता है. इसे खाने से न सिर्फ सेहत को हेल्दी होता है, बल्कि यह शरीर को एनर्जी भी पहुंचाता है. कई ज्योतिषाचार्य का मानना है कि मकर संक्रांति (Makar Sankranti) पर खिचड़ी खाने की परंपरा धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है. धार्मिक रूप से इसे शुद्धता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, जबकि वैज्ञानिक दृष्टि से यह शरीर को ऊर्जा और रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करने वाला हल्का भोजन है.
इसके अलावा, मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ का भी खास महत्व होता है. तिल सर्दी से बचने के लिए शरीर को गर्मी प्रदान करता है, जबकि गुड़ पाचन शक्ति बढ़ाता है और शरीर को एनर्जी देता है. तिल-गुड़ का सेवन न केवल सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि इसे शुभ भी माना जाता है, क्योंकि इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
इस दिन लोग गंगा स्नान, पतंगबाजी और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं. मकर संक्रांति न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह समाज में सामूहिकता, प्रेम और एकता का संदेश भी देता है.
यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.