Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति भारतीय परंपरा और संस्कृति का एक खास त्योहार है, जिसे हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है. इस दिन सूर्य देवता मकर राशि में प्रवेश करते हैं, जो इस पर्व को विशेष महत्व प्रदान करता है. मकर संक्रांति का पर्व भारत भर में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन लोग खिचड़ी बनाते हैं और देवी-देवताओं को इसका भोग अर्पित करते हैं. यह परंपरा सुख-समृद्धि, शांति और खुशहाली के लिए मानी जाती है.
मकर संक्रांति पर सूर्य देवता, शनिदेव और भगवान विष्णु को खिचड़ी का भोग अर्पित करना विशेष रूप से शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं कि इन देवताओं को खिचड़ी का भोग क्यों अर्पित किया जाता है
हिंदू धर्म में सूर्य देवता को सौर मंडल का अधिपति और प्रत्यक्ष देवता माना जाता है. सूर्यदेव की कृपा से जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है. मकर संक्रांति पर सूर्यदेव की पूजा का विशेष महत्व है. इस दिन सूर्यदेव को खिचड़ी का भोग अर्पित करने से जीवन में सुख और समृद्धि का आगमन होता है. खासकर जिनकी कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, उनके लिए यह उपाय लाभकारी हो सकता है. सूर्यदेव के आशीर्वाद से जीवन की कठिनाइयों का समाधान हो सकता है.
शनिदेव को कर्म और न्याय का देवता माना जाता है. वे व्यक्ति के अच्छे और बुरे कर्मों के आधार पर फल प्रदान करते हैं. मकर संक्रांति पर शनिदेव को खिचड़ी का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है. इस दिन शनिदेव की पूजा करने से उनके अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं. इससे आर्थिक स्थिति में सुधार और खुशहाली का अनुभव होता है.
भगवान विष्णु को खिचड़ी का भोग अर्पित करना भी शुभ माना जाता है, क्योंकि यह उन्हें प्रिय है. मकर संक्रांति के दिन भगवान विष्णु को खिचड़ी अर्पित करने से उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है. इससे गुरु दोष से मुक्ति मिलती है और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है.
यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.