menu-icon
India Daily

Mahakumbh Last Snan Date: महाकुंभ में अब तक नहीं लगा पाए हैं डुबकी, जानें स्नान की आखिरी तारीख कब

महाकुंभ 2025 अपने समापन की ओर बढ़ रहा है और अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि महाकुंभ का अंतिम स्नान किस दिन होगा 26 फरवरी को या 27 फरवरी को? इस बार महाशिवरात्रि की तिथि को लेकर श्रद्धालुओं में भ्रम बना हुआ है, क्योंकि यह दो दिनों तक पड़ रही है. आइए इस संदेह को दूर करते हैं और आपको बताते हैं सही तिथि और इस महाशिवरात्रि स्नान का महत्व.

auth-image
Edited By: Reepu Kumari
Mahakumbh Last Snan Date
Courtesy: Pinterest

Kumbh Mela 2025: प्रयागराज में चल रहा महाकुंभ अपने समापन की ओर बढ़ रहा है, और अब श्रद्धालुओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि महाकुंभ का आखिरी स्नान कब होगा 26 फरवरी को या 27 फरवरी को?

इस बार महाशिवरात्रि की तिथि को लेकर लोगों में संशय बना हुआ है, क्योंकि यह दो दिनों तक पड़ रही है. आइए इस भ्रम को दूर करते हैं और आपको सही तिथि बताते हैं. 

महाकुंभ का अंतिम स्नान: जानें सही तारीख  

हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 26 फरवरी को सुबह 11:08 बजे होगी और इसका समापन 27 फरवरी को सुबह 8:54 बजे होगा. धार्मिक परंपराओं के अनुसार, व्रत और स्नान का आयोजन चतुर्दशी तिथि के उदयकाल पर किया जाता है. इसलिए, महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी, और इसी दिन महाकुंभ का अंतिम स्नान होगा.

इस दिन संगम तट पर भारी संख्या में श्रद्धालु इकट्ठा होंगे और पवित्र त्रिवेणी में स्नान कर पुण्य प्राप्त करेंगे. इसके साथ ही, यह महाकुंभ समाप्त हो जाएगा और 12 वर्षों बाद फिर से आयोजित होगा.  

महाकुंभ में शाही स्नान का महत्व 

महाकुंभ में शाही स्नान, जिसे अब अमृत स्नान भी कहा जाता है, का विशेष महत्व है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, महाकुंभ में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में डुबकी लगाने से जीवन के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

महाशिवरात्रि के अवसर पर होने वाला यह स्नान और भी शुभ माना जाता है, क्योंकि यह भगवान शिव और माता पार्वती के पवित्र मिलन का प्रतीक होता है. इस दिन संगम में अमृत स्नान करने से आत्मा की शुद्धि के साथ-साथ आध्यात्मिक जागृति भी प्राप्त होती है.  

महाशिवरात्रि और अमृत स्नान का दुर्लभ संयोग  

इस बार महाशिवरात्रि और महाकुंभ का अंतिम स्नान एक ही दिन हो रहा है, जो इसे और भी महत्वपूर्ण बना रहा है. इस दिन भगवान शिव की उपासना और संगम में स्नान करने से अकाल मृत्यु से मुक्ति, सुख-समृद्धि और ईश्वरीय आशीर्वाद की प्राप्ति होती है. यही कारण है कि इस अवसर पर करोड़ों श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचकर पवित्र स्नान का पुण्य लाभ लेंगे.

अगर आप महाकुंभ के अंतिम अमृत स्नान में शामिल होना चाहते हैं, तो 26 फरवरी 2025 को प्रयागराज के संगम तट पर पहुंचें और इस पवित्र अवसर का लाभ उठाएं. महाशिवरात्रि और महाकुंभ के संयोग से यह स्नान अत्यंत दुर्लभ और शुभ माना जा रहा है, जिससे भक्तों को जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है.