Lunar Eclipse 2025: 14 मार्च को पूर्ण चंद्रग्रहण, जिसे ब्लड मून के नाम से जाना जाता है, आसमान में दिखाई देगा, हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं देगा.
यह घटना उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और अन्य क्षेत्रों में देखी जा सकती है, जो 65 मिनट से अधिक समय तक चलेगी और इसमें एक आकर्षक लाल रंग की चमक होगी.
14 मार्च को रंगों के त्यौहार होली के साथ ही रात के समय आसमान में लाल रंग का चांद दिखाई देगा. यह पूर्ण चंद्रग्रहण करीब तीन साल बाद वापसी कर रहा है, आखिरी बार यह 2022 में होगा, जिससे लाल रंग में नहाए चांद का मनमोहक नजारा देखने को मिलेगा.
यह घटना भारत में दिन के समय होगी, इसलिए यह देश में दिखाई नहीं देगी. पीटीआई ने उज्जैन स्थित जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र प्रकाश गुप्त के हवाले से बताया, 'चंद्र ग्रहण अमेरिका, पश्चिमी यूरोप, पश्चिमी अफ्रीका और उत्तरी और दक्षिणी अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा.'
हालांकि, इस खगोलीय घटना को दुनिया के कुछ खास हिस्सों में ही पूरी तरह से देखा जा सकेगा. उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के लोग इस पूर्ण सूर्यग्रहण को देख सकेंगे, जिसके 65 मिनट से ज़्यादा समय तक चलने का अनुमान है.
पीटीआई के अनुसार, गुप्त ने बताया, 'पूर्ण चंद्र ग्रहण एशिया के अन्य देशों के साथ-साथ यूरोप, अंटार्कटिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया और हिंद महासागर क्षेत्र में भी दिखाई देगा.'
पूर्ण चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और अपनी छाया से चंद्रमा को पूरी तरह ढक लेती है.
इस घटना के दौरान, चंद्रमा लाल रंग का दिखाई दे सकता है, जिसे आम तौर पर "ब्लड मून" के रूप में जाना जाता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पृथ्वी का वायुमंडल सूर्य के प्रकाश को बिखेर देता है, जिससे केवल लंबी तरंगदैर्घ्य वाली किरणें, जैसे कि लाल और नारंगी, ही चंद्रमा तक पहुँच पाती हैं.
परिणामस्वरूप, पृथ्वी की छाया चंद्रमा की सतह पर लाल रंग की चमक बिखेरती है. पूर्ण चंद्रग्रहण एक विस्मयकारी खगोलीय घटना है जिसे किसी भी स्थान से देखा जा सकता है जहां ग्रहण के समय चंद्रमा क्षितिज से ऊपर होता है.