Lohri 2025: जनवरी में कब मनाया जाएगा लोहड़ी का पर्व, जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और महत्व
Lohri 2025 Date: पंचांग के अनुसार, लोहड़ी का त्योहार हर साल मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है. यह पर्व पूरे देश में खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है. आइए जानते हैं इस साल लोहड़ी कब है, इसके शुभ मुहूर्त, योग और इसका महत्व.
Lohri 2025: हिंदू धर्म में पौष महीने को विशेष महत्व दिया गया है. इस महीने में कई धार्मिक व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं. पौष मास में मनाए जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है लोहड़ी, जो हर साल मकर संक्रांति से ठीक एक दिन पहले मनाई जाती है. मकर संक्रांति उस समय मनाई जाती है जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं .खासतौर पर उत्तर भारत, पंजाब और हरियाणा में लोहड़ी का पर्व बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है. यह पर्व नई फसल के पकने की खुशी में और फसल कटाई के समय का स्वागत करने के लिए मनाया जाता है. इस दिन अग्नि देव की पूजा का विशेष महत्व है. मान्यता है कि अग्नि देव को प्रसन्न करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है.
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल सूर्य देव 14 जनवरी 2025 को सुबह 8:44 बजे धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे, इस दिन मकर संक्रांति मनाई जाएगी. जैसे की हमने बताया कि लोहड़ी मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाई जाती है. इसलिए 2025 में लोहड़ी 13 जनवरी को मनाई जाएगी. इस दिन संक्रांति तिथि सुबह 9:03 बजे है.
लोहड़ी का महत्व
लोहड़ी का पर्व खुशियों और समृद्धि का प्रतीक है. इस दिन शाम को लोग लकड़ियों का अलाव जलाकर उसके चारों ओर इकट्ठा होते हैं और नाच-गाना करते हैं. खासकर पंजाबी समुदाय में भांगड़ा और गिद्धा नृत्य का विशेष महत्व है. लोग अलाव में रेवड़ी, मूंगफली, खील, गुड़ और गेहूं की बालियां अर्पित करते हैं. यह अग्नि देव को प्रसन्न करने और सुख-समृद्धि की कामना के लिए किया जाता है.
इस दिन नवविवाहित जोड़े और नवजात शिशुओं के लिए विशेष आयोजन किए जाते हैं. परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मिठाइयां बांटी जाती हैं और उपहार दिए जाते हैं. लोहड़ी का त्योहार आपसी भाईचारे का संदेश देता है.
2025 में लोहड़ी के शुभ योग
पंचांग के अनुसार, इस साल लोहड़ी के दिन भद्रा वास योग और रवि योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है. भद्रावती योग शाम 4:26 बजे तक रहेगा. मान्यता है कि इन शुभ योगों में अग्नि देव की पूजा करने से घर में अन्न और धन की वृद्धि होती है. इसके अलावा, इस दिन आर्द्रा और पुनर्वसु नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है, जो इस दिन को और भी खास बनाता है.
लोहड़ी के रीति-रिवाज
लोहड़ी के दिन घर-घर में उत्सव का माहौल रहता है. लोग पारंपरिक पकवान बनाते हैं और एक-दूसरे को मिठाइयां बांटते हैं. बच्चों के लिए यह दिन खास होता है, क्योंकि वे अलाव के चारों ओर नाचते-गाते हैं और मौज-मस्ती करते हैं. लोहड़ी फसल की समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक है.
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