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कलयुग के 5 'देवता', जिन पर जान लुटाते हैं भक्त, पूरी करते हैं हर मुराद

Kalyug Ke Devta: यूं तो हिन्दू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता माने जाते हैं. लोग अपनी आस्था के अनुसार अलग-अलग देवी देवताओं की आराधना करते हैं. हालांकि, कलयुग में 5 देवताओं को सिद्द माना जाता है. उनकी पूजा और आराधना से भक्तों की हर मुराद पूरी होती है. इसमें शनि देव, खाटू श्याम, साईं बाबा, बालाजी और बाबा नीम करोरी शामिल हैं. आइये जानते हैं. इनके बारे में...

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Edited By: India Daily Live
Kalyug Ke Devta
Courtesy: Social Media

Kalyug Ke Devta: सनातन धर्म में कहा जाता है कंकड़-कंकड़ शंकर! यूं तो हिन्दू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता है लोग इनकी पूजा भी अपनी आस्था के अनुसार करते हैं. हमारे धर्म में सभी देवी देवताओं के एक स्थान होता है. उनकी पूजा उस समय और स्थान में विशेष होने के साथ जरूरी भी होती है. इससे भक्तों को फल मिलता है. हालांकि, कलयुग में कुछ सिद्ध देवी देवताओं की पूजा से मनोकामना पूरी होती है.

धर्म जानकार, संत और कई प्रवचन करता कुछ देवताओं को कलयुग का देवता मानते हैं और उनकी पूजा आराधना की सलाह देते हैं. इसमें शनि देव, खाटू श्याम, साईं बाबा, बालाजी और बाबा नीम करोरी बाबा शामिल हैं. इनके दरबार में भक्तों की भारी भीड़ होती है. आइये जानें इनके बारे में.

शनिदेव

शनिदेव को कलयुग का जागृत देव माना जाता है. उन्हें न्याय, शक्ति, अध्यात्म, और साधना का धारक कहते हैं. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, शनि महराज कर्मों के मुताबिक फल देते हैं. देशभर में शनिदेव के मंदिर हैं. हालांकि, महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर शनी देवता के मंदिर प्रसिद्ध है. यहां भारी संख्या में लोग पहुंचते हैं. कहा जाता है यहां की मूर्ती स्वयंभू है.

खाटू श्याम

खाटू श्याम कलयुग का देवता हैं. इन्हें भगवान कृष्ण के कलयुगी अवतार माना जाता है. इनके बारे में कहा जाता है कि ये हारे का सहारा हैं. खाटू श्याम का संबंध महाभारत से हैं. उनका असली नाम बर्बरीक था. वो पांडुपुत्र भीम के पोते और घटोत्कच के पुत्र थे. बर्बरीक, भीम की तरह ही बलशाली थे. भगवान कृष्ण की भक्ति में उन्होंने अपना शीश दान कर दिया था. उनकी निष्ठा, शक्तियों और विश्वास से खुश होकर भगवान कृष्ण ने उन्हें कलियुग में अपने नाम से पूजने का वरदान दिया था.

भगवान हनुमान (बालाजी)

शास्त्रों और वेदों के मुताबिक, हनुमान जी को कलयुग का देवता कहा जाता है. कहते हैं जो भी भक्त, सच्ची श्रद्धा से हनुमानजी की पूजा है उसको भल मिलता है और वो दर्शन भी देते हैं. इसी कारण उन्हें कलयुग का जीवित या जागृत देवता कहा गया है. कई लोग उनके नाम का जाप करके उनकी पूजा करते हैं. मान्यता है कि हनुमानजी के 108 नाम नियमित रूप से लिए जाएं तो वो जल्दी प्रसन्न होते हैं.

साईं बाबा

शिरडी के साईं बाबा जिन्हें शिरडी साईं बाबा के नाम से भी जाना जाता है. ये एक आध्यात्मिक गुरु और फकीर थे. साईं बाबा अपने जीवनकाल के दौरान और बाद में भी हिंदू और मुस्लिम सभी में पूजे जाते हैं. उन्होंने स्वयं की प्राप्ति पर बहुत जोर दिया.उनकी शिक्षा नैतिक संहिता के इर्द-गिर्द केंद्रित थी. साईं बाबा प्रेम, क्षमा, दान, दूसरों की मदद, संतोष, आंतरिक शांति और भगवान को समर्पण के गुणों का समर्थन करती हैं. कहा जाता है इनकी आराधना से मुराद पूरी होती है.

नीम करोली बाबा

20वीं सदी के महान संतों में नीम करोली बाबा हैं. वह दिव्य शक्तियों के कारण लोकप्रिय हैं. उन्हें देश विदेश के लोग पूजते हैं. भक्तों की मान्यताओं के अनुसार, नीम करोली बाबा साक्षात भगवान हनुमानजी हैं. बाबा के बचपन का नाम लक्ष्मण नारायण शर्मा था. संत बनने के नाद उन्हें नीम करोली बाबा, तिकोनिया वाले बाबा और तलईया बाबा के नाम से जाना जाने लगा. 11 सितम्बर 1973 को उन्होंने देह त्याग दिया. बाबा का आश्रम और मंदिर कैंची उत्तराखंड में कुमाऊं की पहाड़ियों में है. यहां बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं.