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मौसम की सटीक भविष्यवाणी करता है यह मंदिर, जानिए क्या है इसका इतिहास?

Famous Temple: भारत में एक ऐसा मंदिर भी है, जो मौसम की भविष्यवाणी करता है. इस मंदिर में पहले से ही पता चल जाता है कि मानसून की शुरुआत होने वाली है. इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यहां मौसम में बदलाव का पता पहले से ही चल जाता है. यह मंदिर भगवान जगन्नाथ का है. 

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Edited By: India Daily Live
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Courtesy: social media

Famous Temple: भारत के उत्तर प्रदेश के एक शहर में भगवान जगन्नाथ का ऐसा मंदिर स्थापित है, जो सालोंसाल से मौसम की भविष्यवाणी करता आ रहा है. इस रहस्यमयी मंदिर का इतिहास काफी पुराना है. इस मंदिर को क्रूर मुगलों के आतंक से बचा लिया गया था. यहां के निवासियों की मानें तो यह मंदिर 4200 साल पुराना है. इस मंदिर की खासियत यह है कि इसमें मौसम के बदलाव की जानकारी मिल जाती है. यह मंदिर इस बारे में भी बताता है कि बारिश कम होगी या फिर अच्छी होगी. 

यहां के लोगों की मानें तो मंदिर की दीवारें मौसम की भविष्यवाणी करती हैं. मानसून आने से 15 दिन पहले ही यहां भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के ऊपर बना गुंबद अंदर से पानी की बूंदे टपकाने लगता है. इन बूंदों से ही यह अनुमान लग जाता है कि कितनी बारिश होगी.अगर दीवार में बूंदें दिखाई देने लगती हैं तो इसका अर्थ है बारिश ठीक-ठाक ही होगी. अगर बूंदें नीचे गिरना शुरू हो जाती हैं तो इसका अर्थ है कि झमाझम बारिश होगी.

कहां है यह मंदिर? 

यह मंदिर उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले की घाटमपुर तहसील के बेहदा बुर्जुग गांव में स्थित है. यहां पर कई साल पुराना जगन्नाथ भगवान का मंदिर है. यहां मंदिर में मौसम की सटीक भविष्यवाणी होती है. यहां पर सदियों से बारिश का अनुमान लगाया जाता है. 

4000 साल पुराना है इतिहास

पुरातत्व विभाग ने कार्बन डेंटिंग के माध्यम से इस मंदिर के इतिहास का पता लगाने की कोशिश की तो पता चला कि यह मंदिर करीब 4000 साल पुराना है. यहां पर पहले घन जंगल हुआ करता था. यहां पर कोल-भील कम्युनिटी के लोग रहा करते थे. मान्यता है कि यहां पर ऐसी शक्ति थी कि यहां रहने वालों के अलावा जो भी यहां आता था वह बेहोश हो जाता था. 

राजा ने देखा था सपना 

पौराणिक मान्यता है कि एक बार राजा शिवि जंगल में शिकार खेलते हुए यहां पहुंचे थे और बेहोश हो गए थे. उन्होंने सपने में देखा कि जंगल की जमीन पर एक मूर्ति है. अगर उस मूर्ति को स्थापित कर दिया जाए तो उनकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाएंगी. जंगल में बेहोश पड़े राजा शिवि का इलाज भी कोल-भील कम्युनिटी ने किया था. जब राजा होश में आए तो उन्होंने वही किया, जो उन्होंने सपने में देखा था. 

विश्व में अनोखा है यह भगवान जगन्नाथ का मंदिर

दुनिया में जितने भी भगवान जगन्नाथ के मंदिर हैं. उन सभी में जगन्नाथ जी के साथ भइया बलराम और बहन सुभद्रा की प्रतिमा रखी होती है. यह दुनिया का पहला ऐसा मंदिर है, जहां भगवान जगन्नाथ के साथ बलराम जी की छोटी सी प्रतिमा रखी हुई है. प्रतिमा के पीछे दीवार पर भगवान के दशावतार उकेर हुए हैं. यह पूरा मंदिर 700 फीट में फैला हुआ है, जो स्तूप की तरह दिखाई देता है. पूर्व मुखी इस मंदिर के सामने एक कुआं और तालाब भी बना हुआ है. 

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.